अभिषेक श्रीवास्तव
इंडिया टुडे नहीं इंडिया येस्टरडे कहिए : यह तस्वीर ”इंडिया टुडे” की नरेंद्र मोदी की दिल्ली रैली की है (लिंक: http://indiatoday.intoday.in/story/narendra-modi-delhi-rally-bjp-pm-candidate-gujarat-cm-japanese-park/1/312260.html) जिसका कैप्शन हिंदी में है: ”जापानी पार्क, रोहिणी का विहंगम दृश्य, जहां नरेंद्र मोदी की विकास रैली का स्थल था”।
रैली स्थल जापानी पार्क के सिर पर सफेद रंग का पंडाल था। आखिर यह तस्वीर पंडाल को चीर कर कैसे निकल आई? मैं सवा ग्यारह बजे तक वहां था, तो क्या उसके बाद पंडाल को फाड़ दिया गया यह तस्वीर उतारने के लिए? क्या कोई मुझे बताएगा कि सिर पर तने तम्बू के बावजूद विहंगम तस्वीर कैसे उतारी जाती है? या फिर कोई यही दावा कर सके कि वहां पंडाल नहीं था।
मीडिया ऐसे झूठ रोज़ छापता-दिखाता है। यह तस्वीर पुरानी है रामलीला मैदान की। यह इंडिया टुडे का अपने पाठकों से सरासर धोखा है। हमें इस पत्रिका नाम बदल कर ”इंडिया येस्टरडे” कर देना चाहिए।
***तस्वीर का परदाफाश***
यह तस्वीर, जिसे इंडिया टुडे कल हुई मोदी की रैली की बता रहा है वह 4 नवंबर, 2012 को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के समर्थन में कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित की गई रैली की है, लिंक देखें (http://www.thehindu.com/news/sonia-india-needed-a-large-dose-of-investment-of-which-fdi-was-a-part/article4064418.ece)
(पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव के एफबी वॉल से)
यह भी पढ़िए : पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव की कलम से नरेंद्र मोदी की दिल्ली रैली का पोस्टमार्टम
ये तो वाकई गलत बात है। इंडिया टूडे (जिसके कार्यकारी संपादक एक क्रांतिकारी हैं) का का अपने पाठकों के साथ धोखा है। वैसे मोदी की रैली में इससे ज्यादा भीड़ थी।
India Today has accepted its mistake and attributed this to crowd sourced images. I guess we can leave it at that!
are bhaiya ramlila maidan ki geographical location aisi hai hi nahi to no ullu banaing