मोदी की दिल्ली रैली और चैनलों और मीडिया के कवरेज पर मीडिया विश्लेषक ‘विनीत कुमार’ की टिप्पणियाँ :
2013-14 का चुनावी कवरेज पेड न्यूज से आगे बढ़कर पेज विजुअल की तरफ शिफ्ट हो गया है. दिल्ली में मोदी और बीजेपी की चल रही रैली में ये बहुत साफ दिखाई दे रहा है..आखिर ये कैसे संभव है कि लगभग सारे चैनलों की फुटेज के कैमरा एंगिल एक तरह से हैं. साफ लग रहा है कि ये चैनलों के कैमरे की फुटेज न होकर भाजपा के कैमरे से ली गई फीड है और ट्रांसफर करके सब चला रहे हैं. बाकी स्लग और वीओ में जो आप देख-सुन रहे हैं, वो सब साफ समझ आ ही रहा है. ये चुनाव राजनीतिक पार्टियों के बीच का चुनाव नहीं, पीआर एजेंसियों के बीच की प्रतिस्पर्धा है. जिस राजनीतिक पार्टी की जीत होती है, वो पीआर एजेंसी की स्ट्रैटजी की जीत होगी लेकिन इसमे हर हाल में मीडिया बिका हुआ, मैनेज हुआ माध्यम बनकर हमारे सामने होंगे.
सीएनएन-आइबीएन की बेशर्मी अपने चरम पर है. नरेन्द्र मोदी को बुलाए जाने के पहले शंख फूंके जा रहे हैं और चैनल ने उसे स्टिल तस्वीर की शक्ल में तब तक पड़ा रहा जब तक की ये फूकाई बंद नहीं हो गई.
2009 के लोकसभा चुनाव में पेड न्यूज के दाग दैनिक जागरण और अमर उजाला जैसे राष्ट्रीय संस्करण के अखबार पर लगे थे. न्यूज चैनल लगभग इससे बरी थे और सीएनएन-आइबीएन के राजदीप सरदेसाई हीरो बनकर उभरे थे, पेड न्यूज के खिलाफ झंड़ा लेकर भाषणबाजी करते नजर आते थे. टीवी चैनलों ने कुछ हेर-फेर किया था, ऐसा कहना इसलिए भी मुश्किल था क्योंकि इसकी मॉनिटरिंग उतने कायदे से नहीं हो पाती. लेकिन 2014 के चुनावी कवरेज पर गौर करें तो न्यूज चैनलों के लिए पेड न्यूज, पेड कवरेज का हिस्सा बनकर एक पैटर्न सा हो गया है.
सीएनबीसी आवाज पर किसी भी तरह की बिजनेस खबर देने के बजाय मोदी कवरेज में जुटा है. नेटवर्क 18 में जब मीडियाकर्मी की छंटनी हुई तो इसके पीछे जो अंदरखाने से खबर आयी, उसमे तर्क ये था कि एक ही मीडिया हाउस के इतने क्र्यू क्यों जाए..लेकिन नेटवर्क 18 से रिलायंस 18 बने इस चैनल में मोदी के नाम पर सब हवा.
किसी भी चैनल पर पिछले 18 मिनट से कोई कमर्शियल ब्रेक नहीं. आप तो ऐसा ही चैनल चाहते हैं न जिनमे हर एक ब्रेक के बाद साबुन,तेल,कंघी, चप्पल के विज्ञापन न आकर सिर्फ कंटेंट आए, तो हो रहा है न आज..शुक्रिया अदा कीजिए इन चैनलों का.
दिल्ली में मोदी का सिंघम अवतार- इंडिया न्यूज..दीपक चौरसरिया महान. कांग्रेसी चैनल के जमूरे होकर भी इतने बड़े भक्त कैसे हो जाते हैं आप..आपसे मीडिया की नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने की जरुरत है.
देखो पत्रकार, तुम तो दिन-रात घुसकर मारो पाकिस्तान को, पाकिस्तान पर हल्ला बोल टाइप के पैकेज और स्टोरी चलाते हो लेकिन ये नमो तुम्हें गद्दार बताकर चला गया. कहा- इस देश के पत्रकार नवाज शरीफ की बैठकर मिठाइयां खा रहे थे, मनमोहन सिंह को देहाती औरत कहा और तुमने कुछ नहीं कहा..तुम एक बार भी नरेन्द्र मोदी से असहमत होकर स्टोरी करोगे कि पत्रकार अगर नवाज शरीफ या किसी दूसरे देश के प्रधानमंत्री या लोगों से बात करता है तो वो गद्दार नही हो जाता. तुम्हें शर्म नहीं आती, लगातार उनके चारण में पैकेज दर पैकेज ठेले जा रहे हो.
ये लीजिए, हमारे मीडियाकर्मी जिस जोश में दिन-रात पाकिस्तान के खिलाफ लोगों को उकसाने और देशभक्ति फैलाने का काम करते हैं, आज उन्हीं पत्रकारों ने नरेन्द्र मोदी ने सरोगेट तरीके से गद्दार कह दिया. अब इ ले, कल को तुम नरेन्द्र मोदी से असहमत होकर बात करोगे तो वो तुम्हें भारत मां गद्दार कहेगा.
आज अगर मीडिया में रत्तीभर भी अपने पेशे के प्रति सम्मान बचा है तो नरेन्द्र मोदी की इस बात का जमकर विरोध किया जाना चाहिए कि अगर हमारे जमात के कुछ लोगों ने नवाज शरीफ से बात की, पाकिस्तान की मिठाई खा ली तो गद्दार कैसे हो गया ? क्या हमें इतने संकीर्ण और तंग दिमाग से काम करने चाहिए ?
नरेन्द्र मोदी के पूरे भाषण की व्याख्या मीडिया, स्त्री को लेकर उनकी तंग समझ और सरदार-असरदार जुमले के बहाने समाज के एक खास पंथ के लोगों पर निशाना साधने के रुप में की जानी चाहिए. नरेन्द्र मोदी ने नवाज शरीफ के संदर्भ को शामिल करते हुए पत्रकारों के लिए जो कुछ कहा, वो अपने आपमें शर्मनाक है.
Achcha Majak kar lete ho.. vo bhi consistently…
ek baat batao tmne kitne liye h congress se jo tm modi ki burai kar rahe .Or is congress ne desh ko diya h kya Ghotale garibi berojgari Kisono ki mot dange …………………
Modi is a Politician not a Bhadua of Kangress or any political party. if he replies to then all feel offended . why ? Did any body feel offended when Rahul Gandhi made silly comments regularly ? was is so thoroughly analysed so thoroughly as is being done by paid media for Modi.? When a jurno becomes a analyser , disecting a news according to his/her political inclination or liking or as paid employee then the NEWS becomes biased , tilted towards the organisation it has been reported to and this is not fair journalism at all . Think about it
bhai congress k dalal, sonia k chamache, tatti khane wale bahut gyan baant raha h.
modi ne teri konsi gay khol li h and kutte suar ki aulad tere baap rahul gandhi ne kya kar diya ha desh k liye.
pura ka pura desh to kha liya is pariwar ne.
tujhe aur tere baap ko kitana mila h tere fufa rajeev gandhi se