अभिषेक श्रीवास्तव
तीन दिलचस्प घटनाएं देखिए:
कुछ दिन पहले ‘लाइव इंडिया’ चैनल पर एक शादी समारोह काफी देर तक लाइव हुआ था। तब इसके संपादक थे पत्रकारों के लिए आत्मनियमन की हर जगह वकालत करने वाले श्री एन.के. सिंह।
जिस दिन सुब्रत राय की गिरफ्तारी हुई, सहारा समूह के चैनलों ने इस खबर को ब्लैकआउट कर दिया। इसके समूह संपादक हैं श्री बी.वी. राव, जो खबरों में हितों के टकराव और क्रॉस मीडिया ओनरशिप को रोकने के लिए कई मंचों पर लाइसेंस प्रक्रिया में फिल्टर लगाने की बात कह चुके हैं।
आज कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में अरबपति सांसद नवीन जिंदल ने अपने एनजीओ फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के बैनर तले 207 फुट ऊंचा एक तिरंगा फहराया है जिसकी खबर सवेरे उनके ‘समाचार चैनल’ फोकस टीवी पर लगातार काफी देर तक ब्रेकिंग मोड में चली है। इस चैनल के संपादक हैं संजीव श्रीवास्तव, जो बीबीसी साउथ एशिया के प्रमुख रह चुके हैं।
ये तीनों चैनल कौन चला रहा है? ज़ाहिर है, सिर्फ मालिक। संपादक मतलब सिर्फ वेतन। खबर मतलब मालिक का प्रचार। तो निवेदन है कि इन तीनों चैनलों को ‘न्यूज़ मीडिया’ यानी समाचार माध्यम की श्रेणी में न माना जाए, इनके मालिकों का ढोल समझा जाए। इसमें काम करने वाले लोग अपने को पत्रकार न बताएं तो बेहतर। नौकरी करिए जम के। खबरदार, जो पत्रकारिता की बात भी किए…।
महोदय एन के सिंह सर ने इसके बाद नौकरी से फौरन इस्तीफा दे दिया..मै जहां तक जानता हूं एन के सर जिस तरह के पत्रकार हैं वैसे किंचित लोग ही हैं..। ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया है..। इसके पहले भी उन्होंने नौकरी को तव्वज्जो न देते हुए कई संस्थानों को छोड़ दिया ..। बाकी संपादकों को मै नहीं जानता तो उनके बारे में मै कुछ नहीं कह सकता।
Exactly, N K Singh resigned soon after the incident.