मुंबई- महाराष्ट्र में मीडिया के लिए 2014 साल काफी दुखभरा रहा. इस साल 72 ( आजही सोलापूर जिले के टेंभुर्णी गाव में प्रवीण तुपसौदर नावके पत्रकार पर मटका किंग ने हमला किया है) मीडियाकर्मी को पिटा गया. दो मीडियाकर्मियों की हत्त्या की गई. तीन महिला पत्रकारों के घरपर हमला बोल दिया गया. चार अन्य महिला पत्रकारों का विनय भंग किया गया. एक महिला पत्रकार को रेप की धमकी दी गई. मुंबई में एक पत्रकार का अपहरण किया गया. छ समाचार पत्रों के ऑफिस पर हमले किये गये.यह जानकारी पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती के निमंत्रक एस.एम.देशमुख ने आज मुंबई में जारी किये एक प्रेस विज्ञप्ति में दी.
पिछले साल (2013) में 63 मीडियाकर्मियों पर हमले हुये थे जबकि इस साल इसमें इजाफा हो कर यह आंकड़ा 72 पर पहुंच गया है. इस हिसाब से महाराष्ट्र में हर पांच दिन में एक पत्रकार पिटा जा रहा है,. ज्यादातर हमले राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या माफिया की ओर से हो रहे है. ख़बरों की वजह से ये हमले हुए. जिन पत्रकार मित्रों पर हमले हुये है उनमें इलेक्टॉनिक मीडिया के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है.
पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती पिछले चार साल से पत्रकारों पर हो रहे हमले के बारे में डाटा कलेक्ट कर रही है. इससे यह चौकानेवाला तथ्य सामने आ गया है.हर साल मीडिया पर बढते हमले को मुद्देनजर पत्रकार सुरक्षा कानून लाने की मांग को लेकर पत्रकार हमला विरोधी कृती समिति आंदोलन कर रही है. लेकिन हमले करनेवाले सभी पार्टी के कार्यकर्ता होने से कोई भी पार्टी इस विषय में दिलचस्पी नही दिखा रही है. सरकार पत्रकारों की मांग की अनदेखी कर रही है,इस कारण हमलों में काफी बढोतरी हुई है. अंक यही बता रहे है. इस साल में और एक चिंता करनेवाली बात सामने आई है.महिला पत्रकार भी अब हमलावारों की टार्गेट हो रही है. राज्य में रत्नागिरी,पनवेल और पुणे में महिला पत्रकारों के घरपर हमले किये गये. मुंबई में चार महिला पत्रकारों का विनयभंग किया गया.
भास्कर,सकाल,देशोन्नती,ऐक्य,सामना जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के ऑफिसर पर भी हमले किये गये है. ऐसे हमले रोकने के लिए कानून बनाने की मांग एस.एम.देशमुख ने इस प्रेस नोट में की है. इस विषयपर पत्रकार हमला विरोधी कृती समिती जल्द ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करके उन्हे मीडिया पर बढते हमले से अवगत कर कानून बनाने की मांग करेगी.