वेद उनियाल
क्यों केवल मोदी विरोध करते हैं आशुतोष। मोदी विरोध के बहाने आशुतोष का पाखंड भरा एजेंडा
पत्रकार से नेता बने आशुतोष इन दिनों केवल मोदी विरोध कर रहे हैं। बाकि उन्हें कुछ याद नहीं। सीधा गणित उनकी सीट से जुड़ा है। उनकी जाति वैश्य के 9 फीसदी वोट के साथ चांदनी चौक के मुस्लिम साथ हो जाएं तो वारे नारे। इसलिए उन्हें लगता है कि भाजपा के दफ्तर पर पत्थरबाजी कराके, केवल मोदी के खिलाफ कह कर वह मुस्लिमों को प्रभावित कर लेंगे।
एक पत्रकार के नाते उनसे कई तरह की अपेक्षाएं थी
1- वह लालू जैसे भ्रष्ट नेताओं पर कुछ कहते।
2- पूजी घोटाले पर कुछ कहते।
3- कोयला घोटाले पर कुछ कहते।
4- दिल्ली की एक सीट का उम्मीदवार होने के नाते राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले पर कुछ कहते।
5 – विकलांगों ने आरोप लगाया है कि एक मंत्री उनके पैसे खा गया , उस पर कहते।
6- रोबर्ट बडेरा पर कुछ कहते।
7 उत्तराखंड की महाआपदा से निपटने में कांग्रेसी मुख्यमंत्री के तौर तरीकों पर कुछ कहते।
8 – अन्ना के आंदोलन पर सिब्बल पर सबसे बड़े सवाल उठे। वह सिब्बल पर कुछ कहते।
9 – चांदनी चौक की जो हालत है उस पर कुछ कहते। उन बस्तियों के बारे में कुछ कहते। बताते कि आप पार्टी की क्या नीति है।
10 – पत्रकार होने के नाते देश की आर्थिक हालत. रक्षा नीति पर कुछ कहते । उन्हें मोदी की आर्थिक नीति पसंद नहीं, लेकिन किसकी आर्थिक नीति पसंद है . यह बताते, क्यों पसंद है यह भी बताते ।
11 एक पत्रकार के नाते वह असम के दंगों में असम नहीं गए, उत्तराखंड की महाआपदा में वहां नहीं आए। दिल्ली के वातानुकूलित कमरो में रहने वाला यह पत्रकार किसी आदिवासी इलाके में नहीं गया। अच्छा होता इन जगहों पर जाकर कुछ कहते।
मगर आप पार्टी का टिकट पाने के बाद वह सीधे गुजरात गए, ताकि मुस्लमानों को दिखा सके कि कितना बड़ा मोदी विरोधी हूं। वो इन सब सवालों पर चुप हैं। और चुप ही रहेंगे। वे भरपूर पाखंड के साथ है।
केवल मोदी मोदी का हल्ला करके सब चीजों से लोगों का ध्यान खींचना चाहते हैं। लोगों को भुलाना चाहते हैं कि कांग्रेस के खिलाफ एक आंदोलन क्यों शुरू हुआ था। एक खास साजिश के साथ वह मतदाताओं के सामने हैं। एक पत्रकार के नाते उनसे समाज की तमाम विसंगतियों पर सवाल उठाने चाहिए थे। मगर वह चंट -चालाक और सस्ते नारों वाली राजनीति कर रहे हैं। तुर्रा यह कि वह आप पार्टी के उम्मीदवार है।
(स्रोत-एफबी)