अरविंद केजरीवाल मीडिया के पब्लिक ट्रायल की बात कहकर हिटलरशाही का परिचय दे रहे हैं
अखिलेश आनंद,एंकर,न्यूज़24
जिस तरह से आज #ArvindKejriwal ने मीडिया के पब्लिक ट्रायल की बात की है, उससे ये तो साफ है कि उनके अंदर हिटलर की तरह तानाशाही प्रवृति है। उन्हें हर उस इंसान या संस्थान से नफरत है जो उनकी आलोचना करे या फिर उनसे सवाल करे। चाहे अदालत हो, सीवीसी हो, उनके अपने लोग हों, मीडिया हो या फिर लोकपाल। नहीं तो क्या वजह है कि जनलोकपाल के नाम पर पिछली बार इस्तीफा देने वाले केजरीवाल ने अब इस मसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। अदालत से भी एक बार जमानत लेने से इंकार करने की नौटंकी कर चुके हैं। सवाल पूछने पर अपने ही लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं और अब मीडिया के पब्लिक ट्रायल की बात करते हैं। क्या हमारे देश में जंगल राज है कि वो पब्लिक को ट्रायल के लिए उकसा रहे हैं।
ट्रायल का अधिकार हमारे देश में सिर्फ अदालतों को है नहीं तो अगर पब्लिक ट्रायल करने लगी ना तो सबसे पहले केजरीवाल साहब सरीखे नेताओं का ही घर से बाहर निकलना दूभर हो जाएगा। जो शख्स खुद Z सिक्योरिटी में घूमता हो, उसे क्या पता रिपोर्टर किन कठिन हालातों में फील्ड में काम करते हैं। हर वो शख्स या संस्थान जिसके खिलाफ हम स्टोरी करते हैें, वो हमारी जान का दुश्मन बना रहता है। ना जाने कितने पत्रकार माफिया, गुंडों या फिर भ्रष्ट नेताओं की बलि चढ़ते हैं। केजरीवाल ये भी कह सकते थे जो भ्रष्ट पत्रकार हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करुंगा और ये होना भी चाहिए लेकिन सभी को एक ही तराजू में तौलकर पब्लिक को कानून हाथ में लेने के लिए उकसाना कहां तक जायज है ?
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