शुभांकर शुभम की रिपोर्ट
27 जून का दिन हर साल खास होता है. खास इसलिए क्योंकि इस दिन आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के महानायक एस.पी.सिंह को याद करते हुए वर्तमान समय में हो रही पत्रकारिता पर विमर्श होता है. विमर्श के दौरान एस.पी. से जुड़े लोगों के अलावा टेलीविजन, पत्रकारिता और आलोचना की दुनिया से वास्ता रखने वाले आमने – सामने होते हैं. ऐसे में टकराव होना लाजमी होता है. पिछले साल पुण्य प्रसून बाजेपयी ने कुछ बातों को लेकर आपत्ति दर्ज करवायी थी तो इस दफे कमर वहीद नकवी को कार्यक्रम की रुपरेखा और संचालन के तरीके से दिक्कत हुई. बहरहाल जहाँ इतने दिग्गज और मीडिया आलोचक – समीक्षक साथ में हो, वहां सहमति – असहमति और कुछ हद तक टकराव की स्थिति पैदा होना लाजमी ही है.
बहरहाल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के मल्टीपरपस हॉल में दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. दीप प्रज्वलन न्यूज़ नेशन के सीइओ ‘शैलेश’ और आजतक के चैनल हेड सुप्रिय प्रसाद ने मिलकर किया. उसके बाद एस.पी.पर लिखी किताब ‘पत्रकारिता के महानायक’ की लेखिका अनुराधा मंडल ने एस.पी.की पत्रकारिता से संबंधित किताब के कुछ पन्नों को पढ़ा. वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह ने भी अपने यादों के झरोखे से एस.पी को याद किया.
फिर पहले सत्र की शुरुआत हुई. . इस सत्र को सीएमएस मीडिया लैब के प्रमुख ‘प्रभाकर’ ने मॉडरेट किया. पहले सत्र में नए चैनलों की समस्या और उनकी चुनौतियों पर चर्चा हुई. इस सत्र में न्यूज़ नेशन के सीईओ ‘शैलेश’, मीडिया गुरु के वाइस प्रेसिडेंट ‘संजय दास’, शगुन टीवी के एमडी अनुरंजन झा, न्यूज़ एक्सप्रेस के चैनल हेड निशांत चतुर्वेदी, दूरदर्शन के सुधांशू रंजन, वरिष्ठ पत्रकार अजय एन झा और अनुराधा मंडल शामिल थी.
न्यूज़ नेशन के सीईओ शैलेश ने कहा कि नए चैनल के सामने हमेशा ही चुनौतियां होगी, पहले के प्लेयर स्टैब्लिश होते हैं, उनके फॉलोअर होते हैं, जिस इलाके में सबसे बड़ा बिजनेस होता है वहीं आते हैं, सवाल है कि मार्केट में गैप जो है उसकी पहचान आप कर पाते हैं की नहीं. मीडिया गुरु से जुड़े संजय दास ने पूरे मामले को नया एंगल देते हुए कहा कि 440 को जो लाइसेंस मिला है क्या सच में उनका उद्देश्य खबर दिखाना है. क्या मार्केट में इतने चैनल आ भी पाएंगे, मार्केट में स्कोप है.ये मुद्दा थोड़ा ज्यादा इमोशनल हो गया, मैं इसे बिजनेस कह रहा हूं. इनकी स्थापना सिर्फ बिजनेस के लिए नहीं बल्कि कुछ और के लिए भी किया गया.
टी ब्रेक के बाद दूसरा सत्र शुरू हुआ जिसमें टीवी संसद : कितनी खबर, कितनी राजनीति विषय पर परिचर्चा हुई. इस सत्र में टेलीविजन की बहस और उसकी नैतिकता पर जमकर बहस हुई. लेकिन बहस की गर्मागर्मी में कई बार मुद्दा भटककर जहाँ –से- तहां पहुँच गया. इस सत्र को मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने मॉडरेट किया. सत्र में वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, आजतक के पूर्व न्यूज़ डायरेक्टर कमर वहीद नकवी, लाइव इंडिया के प्रमुख सतीश के सिंह, राज्यसभा टीवी से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, न्यूज़24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम, इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर विनोद कापड़ी और आम आदमी पार्टी की शाजिया इल्मी भी मौजूद थी. सत्र के अंत में अलग – अलग श्रेणियों में पांच लोगों को मीडिया खबर का पहला मीडिया अवार्ड दिया गया. इसके अलावा राजनीतिक वेबसाइट पॉलिटिकल खबर डॉट इन और भोजपुरी वेबसाईट जोगीरा डॉट कॉम भी लॉन्च किया गया.
मीडिया कॉनक्लेव के दौरान इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक दिलीप मंडल, विस्फोट.कॉम के एडिटर संजय तिवारी, मशहूर एंकर सईद अंसारी, आईबीएन-7 के पत्रकार बृज दुग्गल और हरीश चंद्र बर्णवाल, फेम इंडिया के धीरज भारद्वाज, स्वतंत्र पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव, फिल्म और नाटय समीक्षक अजित राय, सीनियर जर्नलिस्ट कुमार राकेश, फिल्म समीक्षक मिहिर पंड्या , पत्रकार निखिल आनंद गिरी, शोधार्थी विशाल तिवारी, विल्सन इंडिया के एमडी राजेश राय, सीसीआई के प्रोग्राम डायरेक्टर राम एन कुमार, पत्रकार और डाक्यूमेंट्री मेकर आरुषि सिंह, ए.के.शुक्ला, डॉ. वर्तिका नंदा, एम.के गुप्ता, सीएनईबी की सुप्रिय राय, पत्रकार चंदन प्रताप सिंह, न्यूज़ एक्सप्रेस के मार्केटिंग हेड ऋषि कुमार और डिस्ट्रीब्यूशन हेड विकास सिंह समेत मीडिया के छात्र और दूसरे लोग भी मौजूद थे.