हरेश कुमार,पत्रकार
यूपी की सत्ता के शिखर पर पहुंचने से पहले पहलवान मुलायम सिंह ने न जाने कितनों को धोखा दिया और आज रो रहे हैं कि उनका पुत्र अखिलेश यादव उनकी बात नहीं सुनता। कुछ तो बात हुई होगी। ऐसे तो कोई भी अपने माता-पिता की बात नहीं काटता और खासकर तब जब उसे देश के सबसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री का पद पिता के कारण मिला हो। इतना तय है कि बीच में कुछ ऐसी घटनाएं हैं जिसे पिता-पुत्र यानी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश सिंह और चाचा शिवपाल सिंह यादव लोगों से छुपा रहे हैं।
ऐसा लग रहा है कि पिता मुलायम सिंह यादव अब अपने दूसरे पुत्र प्रतीक यादव को भी राजनीति में आगे लाना चाह रहे हों और यह बात पहले से गद्दी पर बैठे अखिलेश यादव को नागवार गुजर रही हो। क्योंकि चाचा शिवपाल सिंह यादव तो पहले से ही खार खाए बैठे हैं। सबके अपने-अपने कारण हैं। और सबके पीछे गद्दी मुख्य कारण है। सत्ता कितनों से बैर करा देती है।
कहा जाता है कि सत्ता के कारण महान सम्राट चक्रवर्ती अशोक ने अपने 99 भाइयों का कत्ल कर दिया था। सत्ता के कारण ही महाभारत की लड़ाई हुई थी। दूसरों को नसीहतें देने वाले इसे भूल जाते हैं कि एक समय के बाद कार्यकर्ता भी आपकी बात नहीं सुनता, क्योंकि उसे भी तब तक सच्चाई मालूम हो चुकी होती है। मिल-बांटकर खाओ या फिर कोहराम मचाओ। सत्ता किसी भी हालत में चैन से नहीं रहने देती। चाहे प्रजातंत्र हो या लोकतंत्र या तानाशाही। इसके नतीजे भुगतने ही पड़ते हैं।
राममनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, चंद्रशेखर, मायावती और न जाने कितनों को धोखा देकर यूपी की सत्ता पर यह परिवार समाजवाद का नाम लेकर काबिज हुआ है।
मुलायम सिंह यादव को कांग्रेस नेता दर्शन सिंह यादव ने राजनीति का ककहरा पढ़ाया मुलायम ने सबसे पहले उसे ही निपटाया था। सच में बहुत दर्द होता है, जब कोई अपना धोखा देता है। यह पता तब चलता है जब खुद पर बीतती है।