ब्रिजव्यू ब्राॅडबैंड नेटवर्कस प्रा॰ लि॰ के पूर्व निदेशक की शिकायत पर एम.एस.एम डिस्कवरी के दो अधिकारियों के खिलाफ धोखाधडी का मामला दर्ज, जांच शुरू।
राजधानी शिमला से पीछले 20 सालों से अपनी केबल टीवी सेवा का संचालन करने वाली कंपनी ब्रिज व्यू ब्रोडबैंड नेटवर्कस प्राईवेट लि॰ कम्पनी के पूर्व निदेशक मुकेश मल्होत्रा ने एम.एस.एम डिस्कवरी नाम कि कंपनी के दो अधिकारियों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाकर ब्रिजव्यू ब्राॅडबैंड नेटवर्कस प्रा॰ लि॰ को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का मामला शिमला के सदर थाने में दर्ज करवाया है।
अपनी लिखित शिकायत व कई दस्तावेजों के साथ कंपनी के पूर्व निदेशक ने आरोप लगाया है कि एम.एस.एम डिस्कवरी नाम की कम्पनी में बतौर एरिया मैनेजर काम करने वाले पंकज सूद एंव सैल्स एक्सकूटिव अरूण अरोड़ा जो वर्तमान में इस कंपनी के हरियाणा के गुडगांव कार्यालय में तैनात है।
इन दोनों ने एक दस्तावेज बड़ी सोची समझी साजि़श के तहत खुद उनके फर्जी हस्ताक्षर करके टी.डी.एस कोर्ट यानी टेलीकाॅम डिस्प्यूट सेटलमेंट में ये कह कर दाखिल किया कि ये समझौता एम.एस.एम डिस्कवरी के आधीन संचालित चैनलों का प्रसारण करने के एवज में ब्रिजव्यू ब्राॅडबैंड नेटवर्कस प्रा॰ लि॰ और एम.एस.एस डिस्कवरी के बीच हुआ था।
मुकेश मल्होत्रा कि माने तो जो समझौता असल में हुआ था उसे कोर्ट में ना पेश कर पंकज सूद और अरूण अरोड़ा ने उनके फर्जी हस्ताक्षर करके एक अलग से समझौता तैयार किया और इसमें उन शहरों के केबल नेटवर्क का नाम भी शामिल कर दिया गया जहां ब्रिजव्यू ब्राॅडबैंड नेटवर्कस प्रा॰ लि॰ कंपनी के नेटवर्क का संचालन होता ही नही था। यही नहीं मनमाने तरीके से पैसों की अदायगी का वो रेट भी लिखा गया जो कभी तय हुआ ही नहीं था।
मुकेश मल्होत्रा की माने जाये तो ऐसा करने के पीछा इन दोनों का मकसद जिस कंपनी के ये अधिकारी है इन्होने उस कंपनी को भी गुमराह किया और अपने फर्जीवाडे़ को छुपाने और पैसों की भरपाई करने के लिए ब्रिजव्यू ब्राॅडबैंड नेटवर्कस प्रा॰ लि॰ से अधिक राशी वसूलने की साजिश के तहत ये दस्तावेज तैयार किया गया था।
मुकेश मल्होत्रा की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने पंकज सूद एवं अरूण अरोड़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 468, 469, 471 के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।