विनीत कुमार
आप मुझे बस इतना बताइए कि आइबीएन7 जब ये बता रहा है कि दो लड़कियां आतंकवादियों के चंगुल से भाग निकली जिन्हें कि शादी का झांसा देकर उनलोगों ने अपने साथ कर लिया था, इस स्टोरी के विजुअल्स में हरे रंग का चांद और लाल रंग का दिल शामिल करने का क्या तुक बनता है ?
अब जब आप बिना पूरी छानबीन के पहले से ही दर्शकों को आतंकवाद और इस्लाम को एक-दूसरे का पर्याय और इधर धोखाधड़ी और प्रेम को एक करके बता रहे हों तो दर्शको के लिए ये जुमलेबाजी करना कहां मुश्किल रह जाता है कि सारे मुस्लमान आतंकवादी नहीं होते लेकिन सारे आतंकवादी मुस्लमान क्यों हैं ?
अभी जब वर्चुअल स्पेस पर भटक रहा था तो देखा कि फेसबुक पर “beware of love jehad” नाम से एक पेज बनाया गया है जिसमे मुस्लिम समुदाय के प्रति एक से एक भड़काउ बातें तो लिखी ही हैं, आइबीएन7 जैसे चैनलों की ऐसी स्टोरी जो खुलेआम इस्लाम और आतंकवाद को पर्याय मानती है और जिसे संदीप चौधरी जैसे महान एंकर पेश करते हैं, आर्काइव की गई है. मेरी बुद्धि सिर्फ इतनी समझ पा रही है कि मेनस्ट्रीम मीडिया जिस समरसता की बात करता है, उसमे पहले दिन से ही जहर घोलने का काम कर रहा है.
(स्रोत-एफबी)