आशीष कुमार ‘अंशु’
भगवान राम जब अयोध्या लौट कर आये , प्रेस कांफ्रेस में इलेक्ट्रानिक मीडिया ने सवालों की बौछार कर दी ……….
-आपके टीम के श्री हनुमान को लंका सन्देश देने भेजा था पर उन्होंने वहाँ आग लगा दी…. क्या आपकी टीम में अंदरूनी तौर पर वैचारिक मतभेद है?
– क्या हनुमान के ऊपर अशोक वाटिका उजाड़ने के आरोप में वन विभाग द्वारा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?
– आपके सहयोगी श्री सुग्रीव पर अपने भाई का राज्य हड़पने का आरोप है|….क्या आपने इसकी जांच करवाई?
– क्या ये सच है कि सुग्रीव की राज्य हड़पने की साजिश के मास्टर माइंड आप है?
– आप चौदह साल तक वनवास में रहे… आपको अपने खर्चे चलाने के लिए फंड कहाँ से मिले?
– क्या आपने उस फंड का ऑडिट करवाया है?
– आपने सिर्फ रावण पर हमला क्यों किया, जबकि राक्षस और भी थे? क्या ये लंका की डेमोक्रेसी को अस्थिर करने की साजिश थी?
– क्या ये सच नहीं है कि रावण को परेशान करने के मकसद से आपने उनके परिवार के निर्दोष लोगो जैसे कुम्भकरण पर हमला किया?
– क्या आपकी टीम के हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी की जगह पूरा पहाड उखाड़ लेना सरकारी जमीन के साथ छेड़छाड़ नहीं?
– क्या ये सच नहीं कि आपने हमले से पहले समुद्र पर पुल बनाने का ठेका अपने करीबी नल और नील को नहीं दिया?
– आपने पुल बनाने के लिए छोटी छोटी गिलहरियों से काम करवाया….. क्या इसके लिए आप पर बाल श्रम कानून के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए?
– आपने बिना किसी पद पर रहते हुए युद्ध के समय इन्द्र से सहायता प्राप्त की और उनका रथ लेकर रावण पर हमला किया.. क्या आप इन्द्र की टीम ए है?
– इस सहायता के बदले में क्या आपने इन्द्र को ये वादा नहीं किया कि अयोध्या का राजा बनने के बाद आप उन्हें अयोध्या के आस पास की जमीन दे देंगे?
– आप युद्ध में अयोध्या से रथ न मंगवा कर इन्द्र से रथ लिया…. क्या ये इन्द्र की कंपनी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया?
– क्या आपने जामवंत को सहायता के बदले राष्ट्रपति बनाने का वादा नहीं किया?
– विभीषण अपने टीम में शामिल करके आपने दल-बदल क़ानून का सरासर उलंघन नहीं किया ?
– और आखिरी सवाल, कि आपने भरत को राजा बनाया … क्या आपको अपनी नेतृत्व क्षमता संदेह था?
(स्रोत-एफबी)