कपिल शर्मा पर न्यूज़ चैनल जिस अंदाज में पिल पड़े हैं और सीधे-सीधे सरकार के प्रवक्ता के बने फिर रहे हैं,आप तो धोखा खा ही गए होंगे ? आपको तो लगने ही लगा होगा-मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है. आख़िर सरकार के, सिस्टम के किए पर पर्दा डालना, लोकतंत्र की रक्षा ही तो है.
मीडियाकर्मी जो बेशर्मी कर रहे हैं, अभी उनके पास चैनल का पट्टा है. वो ऐसा कर सकते हैं लेकिन मैं अपने अनुभव से कह रहा हूँ वो अपने निजी मामले में बिल्कुल अकेले, निहत्थे पड़ जाएँगे. ऐसा करके वो रही-सही ज़मीन भी खो देंगे.
कपिल शर्मा ने जो पहले घूस के पैसे दिए वो ग़लत था..लेकिन आपने इससे पहले बीएमसी में घूसख़ोरी की कितनी ख़बरें दिखाई ? कपिल शर्मा न बताते तो आपकी न्यूज़ गैदरिंग मशीनरी इतनी दुरुस्त है कि वो हम तक आ पाती ? बात घूस देने के साथ-साथ इसकी भी है कि जो साहस उन्होंने किया है आप उस साहस के साथ हैं या नहीं ? आपके फ़्लैट की बुकिंग तो बिना बैकडोर से ब्लैकमनी दिए बिना होती रही है ?
और हाँ, ट्वीट क्यों किया, सीधे जाकर शिकायत क्यों नहीं की जैसे लचर तर्क न दें. जब सरकार ख़ुद ट्विटर पर मंत्रालय चला रही हो तो। फिर नागरिक साक्षर हो रहा तो ग़लत क्या है. @fb