News24 के पत्रकार कामता सिंह के आकस्मिक निधन से उनके पत्रकार मित्र और चाहनेवाले शोकाकुल है. सहसा किसी को विश्वास ही नहीं होता कि कामता सिंह नहीं रहे. विश्वास होगा भी तो कैसे, 28 साल की उम्र क्या मरने की होती है? लेकिन जिंदगी और मौत पर किसका बस चलता है. बहरहाल उन्हें याद करने के लिए दिल्ली के अशोक नगर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकार जुटे और उन्हें याद किया.
विक्रम सिंह लिखते हैं –
हमारे साथी Kamta Singh सशरीर इस दुनिया मैं नहीं हैं। लेकिन अल्पायु मैं ही जो सभी के लिए संस्मरण छोड़ गए वो अपने आप मैं अलग है। दिल्ली जैसे शहर मैं जहाँ लोगों को अपने लिए फुरसत नहीं। वहां कामता को श्रद्धांजलि देने आए सैकडों लोगों ने साबित किया कि वो न जाने कितने लोगों के दिल के करीब थे। कामता के घर या खानदान का तो कोई मौजूद नहीं था लेकिन हर वो व्यक्ति था जिसे कामता मैं अपना भाई दिखता था। बेहतरीन पत्रकार जिसमें तर्क और विश्लेषण की अद्भुत काबिलियत थी वो चला गया, यकीन करना मुश्किल है। बहुत याद आओगे दोस्त