भोपाल के पत्रकार साथियों को इस पहल के लिए सलाम

मनोज कुमार,वरिष्ठ पत्रकार,भोपाल

भोपाल। समाज के लिये उजियारा तलाशने वाले पत्रकार हमेशा से अंधेरे में रहे हैं। जीवन में कई बार दुर्घटना या बीमारी के शिकार हो जाने के बाद पत्रकारों के समक्ष आर्थिक संकट का कोई हल नहीं होता था। सरकार के पास राजनीतिक वायदे होते थे और कई बार सहायता मिलने के पहले ही साथी का साथ छूट चुका होता था। देश में पहली बार इस संकट को भोपाल के पत्रकार साथियों ने तब संजीदा होकर समझा जब साथी पत्रकार राजेश दुबे बीमार पड़ गये। इसके बाद लगभग पचास साथियों ने एक एक हजार रुपये जमा कर राजेश के इलाज के लिये अस्पताल में राशि जमा कराया और यहीं से ‘सोसायटी फॉर जर्नलिस्ट हेल्थ केयर‘ की बुनियाद डली। इस सोसायटी को बकायदा रजिस्टर्ड कराया गया। हजार-हजार रुपये की सदस्यता के साथ सोसायटी के पास सदस्यों की संख्या बढ़ती गई। इस सोसायटी को तब बल और मिला जब वरिष्ठ पत्रकार डॉ. सुरेश मेहरोत्रा ने व्यक्तिगत रूप से पांच लाख की सहायता की। इसके बाद सरकार से अनुरोध किया गया और उनकी तरफ से पंद्रह लाख की सहायता की मंजूरी दी गई है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश शासन के मंत्री श्री जयंत मलैया एवं श्री गोपाल भार्गव की तरफ से भी पांच-पांच लाख रुपये की सहायता दी गई है। मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री सत्येदव कटारे ने अपने एक माह का मानदेय सोसायटी को सहायता स्वरूप प्रदान किया है।

सोसायटी उदार रूप से पत्रकारों की सहायता के लिये प्रतिबद्ध है और उसका संकल्प है कि सूचना मिलते ही पत्रकार को निष्चित राशि का चैक परिवार तक पहुंच जाये। इस कड़ी में सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह में सीवियर हार्टअटैक से दिवंगत पत्रकार रामप्रकाष अग्रवाल को तत्काल एक लाख रुपये का चेक भिजवाया गया।
हार्ट के ऑपरेशन के लिए साथी राजेश सिरोठिया को एक लाख रुपये तथा कैंसर पीडि़त बीडी घोष को एक लाख की मदद की जा चुकी है। बीमार साथी राजेन्द्र कष्यप, सडक़ दुर्घटना में घायल साथी धर्मेन्द्र वर्मा, रिपोर्टिग के दरम्यान पानी की टंकी गिरने से घायल साथी नरेन्द्र वर्मा, रघुवीर तिवारी तथा प्रेस छायाकार एएन चौकसे को 25-25 हजार की सहायता दी जा चुकी है।

साथियोंं को सहायता देने में सोसायटी के मेम्बरान बड़ी औपचारिकता पूरी करने के बजाय इस बात की तस्दीक कर लेते हैं कि जिन्हें सहायता दी जा रही है, वह साथी सहायता का पात्र है। यह चर्चा मोबाइल के वॉटसएप पर हो जाती है तथा बाद में इंटरनेट पर फेसबुक एकाउंट पर चेक एवं अन्य विवरण प्रसारित कर दिया जाता है। इस संबंध में सोसायटी के अध्यक्ष एवं पीटीआई/भाषा के वरिष्ठ पत्रकार श्री केके अग्निहोत्री बताते हैं कि जब हमने यह शुरूआत की थी तब इस विस्तार की आशा नहीं थी। हमने प्रयास किया है कि सोसायटी के कामकाज में पूरी पारदर्षिता रहे और अपनी हर बैठक और कार्यवाही को अपने फेसबुक और वॉटसएप एकाउंट पर हम साझा करते हैं। उन्होंने उम्मीद की है कि भोपाल से पत्रकार साथियों के लिये जो पहल आरंभ हुई है, वह अन्य राज्यों और जिलों के पत्रकारों के लिये भी प्रेरणा का काम करेगी। इस तरह की सोसायटी बनाने के लिए एसएफजेएचसी को इंदौर प्रेस क्लब सहित कई जिलों के पत्रकार संगठनों से भी पूछताछ की जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.