1968 की एक फिल्म है इज्जत। इस फिल्म में जयललिता ने हिन्दी फिल्मों में पदार्पण किया था लेकिन यही उनकी पहली और आखिरी हिन्दी फिल्म साबित हुई। इज्जत में वो एक आदिवासी लड़की झुमकी की भूमिका में हैं जिनसे नायक (धर्मेन्द्र) मोहब्बत करता है लेकिन ठाकुर खानदान का होने के नाते उनके पिता शादी करने को राजी नहीं होते।
फिल्म में धर्मेन्द्र का डबल रोल है जिसका डबल दूसरी नायिका तनुजा के संपर्क में आ जाता है। फिल्म की कहानी कुछ इस तरह लिखी गयी है कि सारे डॉयलाग तनुजा बोलती हैं और सारे नृत्य जयललिता के हिस्से आते हैं। शायद इसलिए क्योंकि जयललिता हिन्दी नहीं बोल पाती थीं। (हालांकि फिर भी थोड़ा दक्षिण भारतीय लहजे वाले उनके कुछ डायलाग हैं।) क्योंकि जयललिता का डांस बहुत अच्छा था इसलिए फिल्म के तीन गाने उन्हीं पर फिल्माये गये हैं। आखिर तक जयललिता हिन्दी बोल तो नहीं पाती थीं लेकिन हिन्दी गाने बड़े शौक से गाती थीं।
(पत्रकार संजय तिवारी के फेसबुक वॉल से साभार)