जनसत्ता का पतन हो रहा है और संपादक महोदय को ब्लॉकिंग से फुर्सत नहीं

अमितेश

जनसत्ता के निरंतर पतन का एक और नमूना, एक साहसी फैसले को कैसे गलत मानी दिया अजा रहा है इस खबर में. वैसे भी संपादक महोदय का ध्यान ब्लाकिंग पर अधिक है.
http://www.jansatta.com/index.php?option=com_content&view=article&id=68635:-3-&catid=1:2009-08-27-03-35-27

जनसत्ता में छपी खबर का स्क्रीन शॉट
जनसत्ता में छपी खबर का स्क्रीन शॉट

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