दीपक दुआ,फिल्म समीक्षक
4 अप्रैल को रिलीज़ हो रही फिल्म ‘जल’ सिर्फ कच्छ के रण में पानी तलाशने और जीने की जददो-जहद में लगे कुछ लोगों की कहानी भर नहीं है…
यह इंसानी रिश्तों के दरम्यां सूख रहे पानी की बात भी करती है…
पर्दे पर उतरी किसी लोक-कथा की मानिंद लगती है यह…
ऑफबीट फिल्में पसंद हैं तो इसे देखिएगा…
इसके किरदारों में खुद को तलाशिएगा…
(स्रोत-एफबी)