अज्ञात कुमार
इंडिया टीवी के नवी मुंबई का टीवी जर्नलिस्ट निकला राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता
नवी मुंबई. इस बार के लोकसभा चुनावों में अभी तक टीवी व प्रिंट मीडिया से जुड़े पत्रकारों पर पेड न्यूज़ लिखने का कथित आरोप कुछ लोग लगाते रहे हैं। हालांकि इसकी कहीं भी पुष्टि नहीं हो पाई है। पर देश में सबसे अधिक टीआरपी वाले प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनेल इंडिया टीवी (श्री रजत शर्माजी जिसके एडीटर हैं) की तरफ से नवी मुंबई, पनवेल व रायगढ़ क्षेत्र से न्यूज़ भेजने वाला गोपाल शाह नामक उनका टीवी जर्नलिस्ट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में सामने आया है।
विभिन्न सूत्रों से यह भी पता चला है और खुद इस संवाददाताता ने देखा है कि गोपाल शाह अपनी टाटा इंडिगो कार पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता का लेबल लगाकर पूरे शहर में घूमता है। इसके अलावा वह खुद का अपना परिचय इसी रूप में देता है व साथ में इंडिया टीवी का टीवी जर्नलिस्ट बताते हुए सबको कहता है कि मैं अब इंडिया टीवी में परमानेंट हो चुका हूँ।
रविवार छह अप्रैल को महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित मराठी दैनिक लोकमत के मुंबई मेन एडीशन के दूसरे पेज पर “जयंत पाटलांचे तीन ‘एक्के’! ” नाम से एक बड़ी खबर छपी है। इसी खबर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा रायगढ़ के अलीबाग संसदीय क्षेत्र से सुनील शाम तटकरे को प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया गया है। इस खबर के बीच में एक बड़ी सी फोटो भी छपी है जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सुनील शाम तटकरे व एक अन्य समर्थक के साथ इसी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व इण्डिया टीवी तथा लेमन टीवी के टीवी जर्नलिस्ट गोपाल शाह भी पार्टी प्रत्याशी के साथ प्रचार करते हुए दिखाई दे रहा है।
गोपाल शाह के खुलेआम इस राजनैतिक कार्य व समर्थन से न सिर्फ पत्रकारों व उनके संगठनों में भारी रोष व्याप्त हो गया है बल्कि गोपाल शाह की पत्रकारिता की नीयत पर भी संदेह के बादल छा गए हैं।
ऐसा नहीं है कि इस खबर में छपी फोटों में ही गोपाल शाह नजर आ रहे हैं। अगर इस खबर को पूरा पढ़ा जाए तो उसमें गोपाल शाह का एक स्टेटमेंट भी बतौर राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में छपा है। मराठी में छपा राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल शाह का यह बयान इस प्रकार से है-
“राष्ट्रवादी कॉग्रेस पार्टी हा निवडणूक आयोगाकडे नोंदणीकृत अधिकृत राजकीय पक्ष असून, त्याचे राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश कुमार आहेत. नॅशनलिस्ट काँग्रेस पार्टी आमच्या पक्षाच्या नावाचा गैरवापर करीत आहे. आता त्यांना तो करता येणार नाही आणि जर केला तर तो गुन्हा ठरेल, अशी भूमिका राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टीचे राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल साहा यांनी सांगितले. या पक्षाने राज्यात चार उमेदवार रिगणात उतरवले आहेत. ठाण्यात संजीव नाईक यांच्या विरोधात विनोद गंगवाल, मुंबईत प्रिया दत्त व पूनम महाजन यांच्या विरोधात शीतलकुमार जैन, कल्याणमध्ये एक, असे साहा यांनी सांगितले.””
ध्यान रहे कि रायगढ़ से अलीबाग सीट से शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तरफ से यहाँ रायगढ़ जिले के पालक मंत्री व महाराष्ट्र के सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर सुनील तटकरे खड़ा किया गया है। इस सीट पर एनसीपी व शेतकरी कामगार पक्ष (शेकाप) के बीच बहुत तनातनी है। ऐसे में शरद पवार के सुप्रीमो वाली एनसीपी के मराठी अनुवाद “राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी” के नाम से नयी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद इसी नाम की पार्टी से एनसीपी मिनिस्टर सुनील तटकरे के हूबहू नाम वाले सुनील तटकरे (दोनों के पिता का नाम अलग है) को चुनाव में खड़ा कर दिया गया है।
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश कुमार हैं तथा उनके ऊपर डीआरआई के दो मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही यहाँ यह भी बता दें कि खुद गोपाल शाह को किसी मामले में खारघर पुलिस स्टेशन में 8 घंटे तक बिठा दिया गया था तथा कुछ लोगों के अनुरोध के बाद उसे वहाँ से छोड़ा गया था। इसके अलावा हाल ही में कोपरखैरणे पुलिस स्टेशन में एक घर खाली कराने के मामले में गोपाल शाह ने खुद को इंडिया टीवी का टीवी जर्नलिस्ट बताते हुए पुलिस पर दबाव डालते हुए एक महिला से उसका घर जबरन खाली कराने की कोशिश की थी पर उलटे पुलिस ने ही गोपाल शाह को पूछताछ के लिए रोक लिया था व सूत्रों का कहना है कि अंत में जब गोपाल शाह ने कोपरखैरणे के असिस्टेंट पुलिस इन्स्पेक्टर सूर्यवंशी को लिखित माफीनामा दिया तभी उनको पुलिस स्टेशन से जाने दिया गया।
अब लोकसभा के इस चुनावी माहौल में राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर सुनील तटकरे के खिलाफ खड़े किये गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनके ही नाम वाले सुनील शाम तटकरे नामक प्रत्याशी की ओट में बड़े पैमाने पर रूपए ऐंठने की कोशिश करने की आशंका गोपाल शाह पर एनसीपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया है। इससे और किसी का नुकसान भले ही हो या न हो, पर इंडिया टीवी जैसे प्रतिष्ठित टीवी न्यूज़ चैनल की साख पर जरूर आंच आने की संभावना अन्य दलों के लोगों ने जताई है।
(यदि संबंधित पक्ष को लगता है कि रिपोर्ट में लिखी बातें सही नहीं है तो वह भी अपना पक्ष सबूतों के साथ रख सकते हैं.)