दीपक दुआ
हाईवे पर गाड़ी चलाना आसान नहीं होता। शहर की सड़कों के धुरंधर अक्सर हाईवे पर पहुंच कर लड़खड़ा जाते हैं। इम्तियाज अली के साथ भी ऐसा ही हुआ है। थोड़े से पेट्रोल वाली कहानी और कम प्रैशर वाली स्क्रिप्ट के साथ उनकी गाड़ी इंटरवल के बाद थम-सी जाती है। हालांकि अनछुई लोकेशंस और अद्भुत फोटोग्राफी के साथ-साथ आलिया भट्ट का शानदार काम भी है इसमें, लेकिन ‘हाईवे’ एक अच्छी फिल्म बनते-बनते औसत दर्जे की फिल्म बन कर रह गई है। मेरी रेटिंग-2.5 स्टार।
स्रोत- एफबी
लड़खड़ाना तो तय था. निर्देशक अतिवाद से पीड़ित हैं.