रंगकर्मी विनीत पर फॉरवर्ड प्रेस के पत्रकार को धमकाने का आरोप : गत सोमवार को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में ख्यात रंगमंच अभिनेत्री वंदना के साथ किये गये दुव्यवहार का मामला नये तथ्यों के आलोक में संगीन मोड लेता नजर आ रहा है। मामले की आंच टीम अन्ना की कोर कमिटी के सदस्य व रंग निर्देशक अरविंद गौड तक पहंचने लगी है। रंगमंच से जुडे लोग बताते हैं कि यह 14 साल पहले एक उदयीमान अभिनेत्री की अवहेलना और शोषण से जुडा मामला है।
इस संवाददाता ने मामले से जुडे लगभग सभी पक्षों से बात की लेकिन इन सभी की बातें इतनी विरोधाभासी और आपत्तिजनक हैं कि उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। इस संवाददाता को वंदना का फोन नंबर अथवा उनका पता देने लिए न तो अरविंद गौड राजी हुए, न ही रंगकर्मी विनीत, न ही उक्त कार्यक्रम में विमोचित पत्रिका ‘समकालीन रंगमंच ‘ के संपादक राजेश चंद।
गौरतलब है कि फारवर्ड प्रेस के पास मौजूद विडियो में अभिनेत्री वंदना चीख-चीख कर अरविंद गौड पर आरोप लगा रही हैं और 14 साल पहले की किसी घटना का उल्लेख करना चाह रही हैं लेकिन रंगकर्मी विनीत उन्हें बोलने से रोक रहे हैं। वीडियो के अंत में वंदना बेहद तल्ख लहजे में अरविंद गौड को ”गददार” कहती हैं। वीडियो में रंगकर्मी विनीत माइक का वायर उखाड़ते दिख रहे हैं जबकि अरविंद गौड मीडियाकर्मी को कैमरा बंद करने को कह रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि वंदना के पास कहने के लिए ऐसा क्या है, जिसे दबाने के लिए इन ‘सभ्य, प्रगतिशील’ रंगकर्मियों को माइक तक उखाडना पडा? और इससे भी बडा सवाल यह कि ये लोग वंदना का फोन नंबर क्यों नहीं देना चाहते?
उम्मीद की जानी चाहिए कि ये लोग जल्दी ही वंदना को मीडिया के सामने लाएंगे – लेकिन क्या तब जब वंदना को इन समर्थ लोगों द्वारा समझाने-बुझाने, दबाने, बरगानले का दौर पूरा हो चुका होगा?
(जीतेन्द्र कुमार ज्योति (सवांददाता ,फॉरवर्ड प्रेस ) की रिपोर्ट. दूसरे पक्ष की प्रतिक्रिया का अभी इंतजार है)
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