मुंबई : देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से प्रकाशित होने वाले हमारा महानगर , नवभारत और नवभारत टाइम्स को मुंबई की टॉप हिंदी अखबारों में गिनती किया जाता है । मुंबई में हिंदी भाषियों की आबादी अधिक है यही हिंदी भाषी इन अखबारों के वाचक है इसके बावजूद इन हिंदी भाषियों के साथ रेलवे में होने वाले अन्याय की खबर या किसी भी तरह की विरोधी की ख़बरें हमारा महानगर और नवभारत में अधिकतर नही छापी जाती है ।
सूत्रों की माने तो हमारा महानगर और नवभारत को प्रति महीना रेलवे से लगभग 7 से 8 लाख रुपये विज्ञापन के माध्यम से मिलता है। इसके साथ ही नवभारत टाइम्स को भी 8 से 10 लाख रुपये की विज्ञापन मिलते है । इस आमदनी को चालू रखने के लिए इन अखबारो में रिपोर्टरों द्वारा रेलवे के खिलाफ भेजी जाने वाली खबरों को हमारा महानगर और नवभारत में अधिकतर प्रकाशित नही किया जाता । जबकी दूसरी तरफ नवभारत टाइम्स आये दिन रेलवे टिकट बुकिंग या रेलवे स्टेशनों पर किये जा रहे धांधली की खबरे प्रकाशित कर रहा है ।
बताया जाता है कि हमारा महानगर और नवभारत में विज्ञापन विभाग द्वारा दबाव होने के कारण रेलवे के खिलाफ खबर नही प्रकाशित किया जाता है । आप को बता दें कि नवभारत टाइम्स की तुलना में हमारा महानगर और नवभारत में कार्यरत कुछ ऐसे पत्रकार है जिनके पास रेलवे की धांधली की कई ख़बरें रहती है और इनका नेटवर्क भी इतना मजबूत है कि रेलवे बिट देखने वाले रिपोर्टरों से अधिक विस्फोटक ख़बरें इनके पास रहती है । लेकिन चुकी खबर छपती नहीं सो ये करते नहीं।