– अरविंद कुमार –
रवीश कुमार के अल-जज़ीरा चैनल NDTV India को पठानकोट हमले की बेहद घटिया और शर्मनाक तरीके से की गई कवरेज के चलते आगामी 9 नवंबर को एक दिन के लिए प्रतिबंधित किया गया है.
हमले के दिन इस चैनल ने पठानकोट एयर बेस में छुपे आतंकियों की लोकेशन, उनसे निपटने की सेना की संभावित रणनीतियों के साथ-साथ आसपास बसे रिहायशी इलाकों की विस्तृत जानकारी और सेना के आयुध डिपो में स्थित हथियारों के ज़खीरे जैसी निहायत संवेदनशील और देश की सुरक्षा के लिहाज से हद दरजे की दुर्भावनापूर्ण जानकारियां भी प्रसारित की थीं.
प्रणय रॉय, बरखा दत्त, रवीश कुमार के साथ-साथ भारत की पूरी लेफ्ट-लिबरल-वामपंथी-प्रगतिशील-धर्मनिरपेक्ष जमात के इस्लामाबाद, रियाद और वेटिकन में बैठे किन ख़समों के इशारे पर यह गलीज़ हरकत की गई थी इसे समझना किसी आम इंसान के लिए भी मुश्किल नहीं है.
लेकिन फिर भी अगर कोई इस प्रतिबंध पर मातम मनाता दिखे तो उसे यह भी ज़रूर बताइएगा कि Cable Television Networks (Amendment) Rules, 2015 के तहत किसी भी आतंकवाद विरोधी सैन्य अभियान की लोकेशन के बारे में या कोई भी जानकारी प्रसारित करना किसी भी मीडिया समूह के लिए क़ानूनन जुर्म है.
इन नियमों के अनुसार ऐसे किसी सैन्य ऑपरेशन का लाइव टेलीकास्ट भी नहीं किया जा सकता. इसके अलावा, ऐसे किसी ऑपरेशन की सारी कवरेज सेना द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा दी गई प्रेस ब्रीफिंग पर ही आधारित होगी ऐसे भी स्पष्ट निर्देश हैं.
NDTV India ने इन तमाम संवैधानिक प्रावधानों को अपने जनवादी जूते की नोंक पर रख कर उछाला, और इसीलिए 24 घन्टे के लिए टांग दिए गए. इसलिए जब तक इस लेफ्ट-लिबरल जमात के इस्लामाबादी-रियादी और वेटिकनी ख़सम अपने टुकड़ों के बदले भारत के संविधान को ख़रीदने लायक न हो जाएं, तब तक मातम तो ज़रूर मनाएं लेकिन कल को इस देश की जनता द्वारा ख़ुद सड़क पर टांग दिए जाएं तो हैरत में न आएं.
हाँ, अपने मर्सिए के लिए कोई अच्छी सी नज़्म या ग़ज़ल लिख सकें तो वक़्त रहते लिख लें, लेफ्ट-लिबरल-वामपंथी-प्रगतिशील-जनवादी-धर्मनिरपेक्ष जमात की सारी डिस्टोपियन ‘भेड़िया आया भेड़िया आया’नुमा कविताएँ अब एक-एक कर के अपने मक्कार और बेईमान रचनाकर्म की तमाम वीभत्स और अश्लील कल्पनाओं से भी लाखों गुना अधिक क्रूरता और नृशंसता के साथ सच में तब्दील होने वाली हैं. जल्द ही.
(लेखक के फेसबुक वॉल से साभार)