प्रख्यात टेलीविजन पत्रकार राजदीप सरदेसाई के एक ट्वीट पर इंडिया टुडे के पूर्व संपादक दिलीप मंडल ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि –
सारस्वत ब्राह्मण कुल गौरव राजदीप हैप्पी क्यों हैं? ऐसा नहीं करके भी आप जातिवादी क्यों हैं?
अभी एक कुशवाहा जी, या यादव जी, या जाटव जी, या कुर्मी जी, या जायसवाल जी राजदीप की तरह ऐसा मैसेज लिख दें तो…..हो जाएंगे कि नहीं जातिवादी? जातिवादी होना कुछ लोगों के लिए सुविधाजनक है और बाकियों के लिए आफत. राजदीप अपनी कास्ट के दो मंत्री बनने से खुश हैं. उन्हें गर्व का एहसास हो रहा है.
GSBs = गौड़ सारस्वत ब्राह्मण.
राजदीप सरदेसाई का आज का ट्विट देखिए
Big day for my goa. Two GSBs, both talented politicians become full cabinet ministers. Saraswat pride!! @manoharparrikar and Suresh Prabhu.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 9, 2014
दिलीप मंडल आगे लिखते हैं –
GSB यानी गौड़ सारस्वत ब्राह्मण कुल में जन्मे राजदीप सरदेसाई की तरह क्या आप भी अपनी जाति का नाम लेकर पब्लिकली डंके की चोट पर इस तरह प्राउड फील कर सकते हैं. नहीं कर सकते न? राजदीप की सुुविधा उनकी जाति है. आपके लिए जाति समस्या है. आपको लाज आती है. उनको नहीं आती. उनके लिए सारस्वत प्राइड का मामला है.
राजदीप सरदेसाई का आज का ट्विट
Rajdeep Sardesai Verified account
@sardesairajdeep
Big day for my goa. Two GSBs, both talented politicians become full cabinet ministers. Saraswat pride!! @manoharparrikar and Suresh Prabhu.
GSB बोले तो गौड़ सारस्वत ब्राह्मण. सारस्वत प्राइड. जो है सो तो उन्होंने लिखा ही है.
दिलीप मंडल एफबी पर फिर व्यंग्यात्मक लहजे में लिखते हैं –
सेकुलर और कम्युनल में क्या रखा है?
राजदीप सरदेसाई कट्टर Secular गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) हैं और मनोहर पर्रिकर कट्टर Communal गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB). और फिर प्राइड यानी गर्व का क्या है? हो जाता है. राजदीप को पर्रिकर और प्रभु पर गर्व हो जाता है. सारस्वत को सारस्वत पर गर्व हो जाता है. सेकुलर को कम्युनल पर दुलार आ जाता है.
वैसे, अलग से लिखने की क्या जरूरत है कि दोनों टैलेंटेड हैं. वह तो स्वयंसिद्ध है. राजदीप भी कोई कम टैलेंटेड नहीं हैं.