1-जब देश के सबसे बड़े सूबे के चुनाव से ज़्यादा मीडिया कवरेज दिल्ली के एक कॉलेज के विवाद को मिलने लगे, तो समझ लीजिए कि मीडिया आपके लिए एजेंडा सेट कर रहा है। और फिर, मीडिया किसका है और किसके लिए काम करता है, यह अब किससे छिपा है।
2-रामजस कॉलेज का सारा विवाद यूपी में भागते बीजेपी को लंगोट मुहैया कराने के लिए हो रहा है। मीडिया की तो मानो पार्टी हो रही है। जश्न का माहौल है चैनलों में। आधे-आधे घंटे के शो हो रहे हैं। पैनल पर पैनल बिठाए जा रहे हैं।
RSS को सामने मुसलमान मिल गया है। कश्मीर और पाकिस्तान जेरे-बहस हैं। और क्या चाहिए चुनाव के दौरान।
बीजेपी जानकर खेल रही है। और बाक़ी लोग…?
चैनल पर आने की भूख।
या फिर, पता नहीं!
हो सकता है अनजाने में।
आप बताएँ।
3-रामजस और दिल्ली यूनिवर्सिटी में संघी गुंडों के भड़काए आंदोलन पर विचार करने से पहले एक बार लंबी साँस लीजिए। एक गिलास पानी पीजिए। अब आँखें बंद कीजिए।
अब शरीर को ढीला छोड़ दीजिए।
अपने आप को एक साल पीछे ले जाइए। 9 फ़रवरी को याद कीजिए जब अफ़ज़ल गुरु की याद में JNU में कविता पाठ होना था। संघियों ने हंगामा करके मामले को नेशनल बना दिया। इसके बाद एक तथाकथित राष्ट्रीय आंदोलन हुआ। ख़ालिद और कन्हैया को मीडिया ने उछाला।
अब कुछ सवाल।
1. उस आंदोलन की माँग क्या-क्या थी?
2. उस आंदोलन ने अपने कौन से लक्ष्य हासिल किए?
3. किन लक्ष्यों के पूरा होने पर उस आंदोलन तो सफल माना जाता?
4. उस आंदोलन से संघ कमज़ोर हुआ या मज़बूत?
5. ब्राह्मणवादी मीडिया ने उस आंदोलन को उतना ज़्यादा कवरेज क्यों दिया?
आंदोलन के साथ रहिए।
लेकिन ख़ुद से पूछिए कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के आंदोलन की माँग क्या है और लक्ष्य क्या हैं?
4–हर साल बरसात के मौसम में बरसात होती है। दिल्ली में भी होती है। सूखी यमुना में पानी आ जाता है। यमुना में बनी अस्थायी झोंपड़ियाँ डूब जाती हैं। कुछ सड़कों पर पानी भर जाता है।
पूरा देश हर साल मानता है कि दिल्ली में बाढ़ आ गई। कई साल से यह चल रहा है।
रिपोर्टर नाव लेकर यमुना के बीच पहुँचता है। कैमरा चारों ओर घूमता है और रिपोर्टर कहता है कि सब तरफ पानी ही पानी है।
दिल्ली के रामजस कॉलेज के विवाद पर छाई देशव्यापी सनसनी उसी तरह की है।
मीडिया की मौज है क्योंकि RSS को मुसलमान दिख गया है। कश्मीर से लेकर पाकिस्तान जैसे उसके प्रिय विषय पर चर्चा हो रही है।
नीचे की तस्वीरें कंप्यूटर जेनरेरेड हैं। चेन्नई की बाढ़ के दौरान चैनल ने स्टूडियो में यह किया था।
(वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक वॉल से साभार)