दिग्विजय सिंह को जब भी मौका मिलता है तो न्यूज़ चैनलों पर कटाक्ष करने से नहीं चूकते. न्यूज़ चैनल भी उनकी कह के लेते हैं. यही वजह है कि वे न्यूज़ चैनलों को पसंद नहीं करते और मौका मिलते ही उपदेश देने लगते हैं या फिर चाबुक – हंटर बरसाने लगते हैं. अब एक बार फिर से दिग्विजय सिंह न्यूज़ चैनलों से नाराज हैं और रवीश कुमार जैसे टेलीविजन पत्रकारों को पत्रकारिता सीखा रहे हैं.
दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर की मौत के बाद तरह – तरह के सवाल उठे. दिल्ली पुलिस ने उसकी मौत का ज़िम्मा आंदोलनकारियों पर फोड़ना चाहा. लेकिन उनके अरमानों पर तब पानी फिर गया जब रवीश कुमार ने एनडीटीवी इंडिया के प्राइम टाइम में चश्मदीद योगेन्द्र को सामने ला खड़ा किया. चश्मदीद ने दिल्ली पुलिस और सरकार की पोल खोल दी और पिक्चर का द एंड हो गया.
इसी बात से दिग्विजय सिंह खफा हैं और चैनलों को ज्ञान देने की मुद्रा में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को यह पता होना चाहिए कि इस तरह चश्मदीद गवाह को लाना और पेश करना उस का काम नहीं है. तो एक तरह से अप्रत्यक्ष ही सही पर दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष रवीश कुमार पर ही किया है क्योंकि सबसे पहली दफा रवीश के शो में चश्मदीद सामने आया.
न्यूज़ एजेंसी भाषा में छपी खबर :
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका से नाखुश हैं दिग्विजय
भोपाल।। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर यह कह कर जमकर बरसे कि उसने समाज की सारी भूमिकाएं खुद ही ग्रहण कर ली है। कांग्रेस महासचिव ने भाषा से कहा कि नयी दिल्ली में एक लड़की के साथ हुये गैंगरेप के बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया ने पुलिस थाना, अभियोजन और न्यायाधीश की भूमिका ग्रहण कर ली है।
सिंह ने कहा कि रेप के बाद चलाये जा रहे आंदोलन के दौरान एक पुलिसकर्मी की मौत के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने एक ऐसा चश्मदीद गवाह भी दिखाया जो यह कह रहा था कि उसने पुलिसवाले को गिरते हुये देखा था।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को यह पता होना चाहिए कि इस तरह चश्मदीद गवाह को लाना और पेश करना उस का काम नहीं है। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अब ऐसा लग रहा है कि हम सब आप्रासंगिक हो गये है और अब देश को चलाने के लिये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के भरोसे ही छोड़ देना चाहिए.