डॉ.नूतन ठाकुर
दिग्विजय सिंह जिस प्रकार से आनंद प्रधान की पत्नी अमृता राय से संबंधों को व्यक्तिगत मामला बता रहे हैं वह सामाजिक के अलावा कानूनी रूप से भी पूरी तरह गलत है क्योंकि धारा 498 आईपीसी में जार कर्म की श्रेणी में आता है जिसमे किसी अन्य की पत्नी को विवाह से इतर संबंधों के लिए उकसाने को अपराध माना गया है जिसमे दो साल तक की सजा हो सकती है. एक पूर्व मुख्यमंत्री और बड़े नेता के रूप में दिग्विजय सिंह अवश्य जानते होंगे कि यह सम्बन्ध रखना धारा 498 आईपीसी का अपराध है.
आनंद प्रधान एक अदार और सज्जन व्यक्ति हैं पर मैं उनसे अपील करती हूँ कि क़ानून और समाज की मर्यादा के लिए दिग्विजय सिंह के कानूनी अपराध के खिलाफ धारा 498 आईपीसी में अवश्य ही एफआईआर दर्ज कराएं ताकि समाज में इस क़ानून और विवाहित संबंधों के प्रति सम्मान का सही सन्देश जाए.
Shadi me kanyadan ki jagah patni dan karenge.