दिल्ली पुलिस की मर्डर मिस्ट्री बन गयी हिस्ट्री
दिल्ली पुलिस पर आज तरस आ रहा है. कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर की मौत पर बनायी गयी उसकी फिल्म सुपर फ्लॉप हो चुकी है. एक अदना से पत्रकारिता के छात्र ने दिल्ली पुलिस की भद पिट दी और मामले को उलझा दिया.
दिल्ली पुलिस की फिल्म में खलनायक कोई और था. एहतियात के तौर पर उसने अलग – अलग पृष्ठभूमि के आठ खलनायकों को चुना था. कॉन्स्टेबल की हत्या का आरोप भी खलनायकों पर मढ दिया था.
लेकिन सेकेण्ड हाफ में न जाने कहाँ से उन खलनायकों का हीरो और दिल्ली पुलिस का खलनायक योगेन्द्र की एंट्री हुई और फिल्म दामिनी में सन्नी दियोल की तरह सारी ताली वही बटोर ले गया.
दिल्ली पुलिस की मर्डर मिस्ट्री बन गयी हिस्ट्री और उसकी फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज होने से पहले ही उतर गयी. इस फिल्म का अब न कोई डिस्ट्रीब्यूटर है और न कोई टीवी राईट ही खरीदने के लिए तैयार है. घाटा ही घाटा. लागत तक डूब गयी.
दरअसल कमजोर पटकथा पर बनायी गयी दिल्ली पुलिस की फिल्म को फ्लॉप तो होना ही था. उसपर से निर्देशन भी तीन नंबर का. फिर फिल्म चलती कैसे?
दिल्ली पुलिस को समझना चाहिए था कि कमजोर स्क्रिप्ट पर लिखी फिल्म तभी कामयाब हो सकती हैं जब उसमें हीरो सलमान खान हो.क्योंकि सलमान की फ़िल्में लोग सलमान के लिए देखने आते हैं. सो उल – जुलूल निर्देशन और पटकथा के बाद भी फिल्म सुपर हिट होकर सौ – दो सौ के क्लब में शामिल हो जाती है .
लेकिन दिल्ली पुलिस के पास न सलमान खान थे और न बढ़िया स्क्रिप्ट. सो कमजोर पटकथा पर बनी दिल्ली पुलिस की फिल्म योगेन्द्र की फिल्म के आगे सुपर फ्लॉप हो गयी.
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर जो फिल्म के निर्माता – निर्देशक भी थे उन्हें स्क्रिप्ट पर और काम करना चाहिए था और इस काम में वारदात और सनसनी वाले शम्स ताहिर खान और श्रीवर्धन त्रिवेदी की मदद लेनी चाहिए था. तब स्क्रिप्ट शानदार तैयार होती. ये दोनों तो न जाने ऐसी कितनी ख़बरें तैयार करते हैं और इनकी फ़िल्में कभी फ्लॉप भी नहीं होती.
काश दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने ऐसा किया होता तो कॉन्स्टेबल सुभाष तोमर की मर्डर मिस्ट्री यूं न बनती मिस्ट्री और न फिल्म ही यूँ फ्लॉप होती.
ख़ैर दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक मुफ्त में सलाह दिए जाते हैं कि आगे से ऐसी फिल्म बनाने से पहले कुछ दिन आजतक और एबीपी न्यूज़ में और हो सके तो इंडिया टीवी में जाकर इंटर्नशिप कर लें. फिर ऐसे भद नहीं पिटेगी और न लोग ये कहेंगे कि दिल्ली पुलिस जो अपने कॉन्स्टेबल का भी न हुआ. जय हिंद.
(एक दर्शक की नज़र से )
ha ha ha, bhai wah, achhi khabar li delhi police ki……….
tarkesh kumar ojha
kharagpur(west bengal)