जब आजतक के पत्रकार दीपक शर्मा ने सलमान खुर्शीद को ललकारा

सुजीत ठमके

दीपक शर्मा
दीपक शर्मा
दीपक शर्मा और शम्स दो हंसो की जोड़ी देश के न.01 चैनल आज तक के क्राइम बिट की शान है। शम्स पर हम फिर कभी स्पेशल आलेख लिखेंगे। आज बात करेंगे आज तक के एसआईटी टीम के एडिटर दीपक शर्मा से।

स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के एडिटर है दीपक शर्मा। दीपक शर्मा मीडिया जगत का एक ऐसा नाम जो बड़ी स्टोरी पर काम करते है। दीपक मूल रूप से उत्तरप्रदेश लखनऊ से ताल्लुक रखते है। बीए आनर्स अंग्रेजी में करने के बाद ब्रॉडकास्टिंग जर्नलिज्म में पीजी किया। दीपक की भाषा पर अच्छी पकड़ है जिसके चलते दीपक ने प्रिंट मीडिया के जरिये पत्रकारिता में कदम रखा। अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे लीडिंग हिंदी भाषी अखबारों के लिए कई बेहतर स्टोरी की। टीवी टुडे नेटवर्क के जरिये दीपक ने टीवी पत्रकारिता में पैर जमाये। लम्बे अरसे से वो आज तक में डंटे हैं।

दीपक शर्मा आजकल राजनीतिक खबरे भी कवर करते है किन्तु उनकी असल पकड़ खोजी पत्रकारिता पर है। अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन, दाऊद, अरुण गवली, रवि पुजारी, अबु सालेम आदि गैंग की आपसी रंजिश हो दरार या फिर गैंगवार शर्मा को हर छोटी बड़ी खबर की भनक रहती है। लेकिन खबर तभी ब्रेक करते है जब पुख्ता जानकारी होती है। अंडरवर्ल्ड के देश दुनिया में फैले काले धंधे मसलन पुर्तगाल, दुबई, पाकिस्तान,स्विसजरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया एवं पडोसी देश नेपाल, भूटान, श्रीलंका जैसे कई देशो में इनके नेटवर्क तथा आय के स्रोत पर भी पैनी नजर रखते है। आतंकवादी संगठन सीमी, अलकायदा, लश्कर, जमात-उल-दावा, इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे देश दुनिया में कार्यान्वित २६ आतंकी संगठन और उसके प्रमुख की गतिविधियों पर दीपक की पैनी नजर रहती है। शर्मा ने कई बड़ी स्टोरी ब्रेक की है। सांप्रदायिक दंगे, ड्रग माफिया का नेटवर्क, उत्तरप्रदेश में स्वस्थ्य घोटाला, सरकारी फंड की अफरातफरी, कई सरकारी योजनाओ के घोटालो में नौकरशाहों लिप्त होने के खबरों को दीपक शर्मा में पुख्ता सबूत तथ्य और परफेक्ट होमवर्क के साथ पेश किया। जिसका असर सरकार, नौकरशाह पर हुआ।

दीपक किसी भी बड़ी स्टोरी को तभी अंजाम देते है जब खबरों का सोर्स पक्का होता है। हवाहवाई बातो पर शर्मा यकींन नहीं करते। सूचना के अधिकार ( राईट- टू- इन्फर्मेशन एक्ट ) कानून का सहारा लेकर संसद में बैठे हुक्मरानो को ललकारते भी है। कांग्रेस के कद्दावर अहम नेता सलमान खुर्शीद जी हां। जिसका नाम लेते ही अच्छो – अच्छो की बोलती बंद हो जाती है। सलमान खुर्शीद विलायत से वकालत की पढ़ाई की है। यूपीए सरकार खुर्शीद ने केंद्र में महत्वपूर्ण पदभार संभाले हुए थे । लम्बे अरसे से सांसद रहे है। किन्तु इस चुनाव में वो संसद तक पहुँचने में कामयाब नहीं हुए। कानूनमंत्री, विदेश मंत्री जैसे बढे कद के मंत्रालय संभालने वाले सलमान खुर्शीद का नाम देश दुनिया में जाने माने वकील के रूप में मशहूर है। अगर मंत्री, नेता, अफसर कितना भी कद्दावर है। बावजूद पत्रकार बेदाग़ है। नैतिक है। मंत्री नेता की इर्दगिर्द मंडराने की आदत नहीं है। कुछ निजी स्वार्थ नहीं है। नेता से पत्रकारों के निजी सम्बन्ध एक अलग मसला है किंतु खबर में सच्चाई है। खबर जनहित में है। तो एक पत्रकार के सामने मंत्री, नेता, अफसर भी कितने बौने साबित होते है इसकी मिसाल पेश की है दीपक शर्मा ने।

यूपीए-२ सरकार में कानून मंत्री रहे सलमान खुर्शीद से दीपक शर्मा ने ललकारा था। सलमान खुर्शीद की एक ट्रस्ट है। जो विकलांग, अनाथ, गरीब लोगो के लिए काम करती है। दीपक शर्मा को पुख्ता जानकारी मिली थी। सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा सलमान खुर्शीद के ट्रस्ट को विकलांग, गरीब लोगो कल्याण हेतु कुछ फंड दिया गया था। इस फंड के जरिये उत्तरप्रदेश के रूरल एरिया में विकलांग, गरीब लोगो को मेडिकल कैंप लगाकर व्हील चेयर बाटना था। किन्तु ट्रस्ट द्वारा ना तो कैंप लगाए ना ही व्हील चेयर बाटी। दीपक शर्मा ने खबर को पुख्ता करने के लिए ३ दफा आरटीआई डाला। ६ माह लगातार इस स्टोरी पर काम किया। आरटीआई के जरिये ट्रस्ट किसके नाम से रजिस्टर है। सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा हेल्थ कैंप के फंड कितना दिया गया। इस ट्रस्ट के मेंबर कौन कौन है। सलमान खुर्शीद की बेगम लुइस खुर्शीद का ट्रस्ट में क्या प्रोफाइल है। आदि सभी छोटी बड़ी तकनीकी गैर- तकनीकी जानकारी जानकारी शर्मा ने इकट्ठा की। जिस गाव में कैंप लगाने की बात आरटीआई में बताई गई उस जगह दीपक गए। वहा के आला अफसर, मुखिया, लोगो से बात की। आरटीआई में जिनके नामो की सूची दिखाई गई वो सभी नाम फर्जी थे। दीपक ने स्टोरी ओन एयर करने से पहले सलमान खुर्शीद, लुइस खुर्शीद और ट्रस्ट का भी पक्ष रखने को रहा गया किन्तु सलमान खुर्शीद को लगा मैं एक कद्दावर मंत्री हू। एक पत्रकार मेरा क्या बिगाड़ सकता है। दीपक ने टीवी टुडे चेयरमैन अरुण पूरी साहब से सलाह मशवरा किया। दीपक का प्रबंधन ने साथ दिया। पूरी साहब ने कहा खबर जनहित में है तो ओन एयर होना चाहिए। खबर ओन एयर हुए। संसद से सड़क तक बवाल मचा। कांग्रेस ने सलमान खुर्शीद का निजी मामला बताकर पल्ला झाड़ा। सलमान खुर्शीद ने आननपानन में प्रेस कॉन्फरन्स बुलाई। दीपक शर्मा को प्रेस कॉन्फरन्स में जाने से रोका गया। शर्मा ने कहा सलमान साहब खबर टीवी टुडे ग्रुप और मैंने की है जवाब भी मुझे देना पड़ेंगा। कद्दावर मंत्री सलमान खुर्शीद लाइव प्रेस कॉन्फरन्स में पसीना पसीना हुए। गाली गलोच पर उतर आये। सलमान खुर्शीद ने कहा टीवी टुडे नेटवर्क के अरुण पूरी की अभी तक की अकल मैंने देखी है। तो जवाब में शर्मा ने कहा सलमान साहब आप की भी अक्ल मैंने देखी है। एक कद्दावर मंत्री को आँख में आँख मिलाकर बात करने के बड़ा जिगर, जज्बा, जूनून चाहिए। शर्मा ने लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुर्शीद को कहा अगर मेरी खबर गलत होंगी तो मै पत्रकारिता छोड़ दूंगा। सलमान खुर्शीद प्रेस कॉन्फ्रेंस आधे में ही छोड़ दी। शर्मा को जान से मारने की धमकियाँ आने लगी। किन्तु दीपक शर्मा डंटे रहे। वाकई आजतक के पत्रकार दीपक शर्मा ने कद्दावर नेता सलमान खुर्शीद को ललकारा था ।

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