दीपक चौरसिया इंडिया न्यूज़ के हो गए. एबीपी न्यूज़ को छोड़े तकरीबन 24 दिन उन्हें हो गए. तरक्की के लिए वे अपने जीवन का सबसे बड़ा रिस्क ले चुके हैं. एक ऐसे न्यूज़ चैनल के वे खेवनहार बन चुके हैं जिसकी चैनलों और दर्शकों की दुनिया में कोई साख नहीं है.
लेकिन दीपक अपने फेसवैल्यू के दम पर चैनल को चमकाने के लिए कमर कस चुके हैं. इंडिया न्यूज़ अचानक से न्यूज़ इंडस्ट्री में काम करने वाले पत्रकारों के आकर्षण का केंद्र बन गया है और कई अच्छे नाम भी चैनल के साथ जुड़ने लगे हैं. इंडिया न्यूज़ के न्यूज़रूम में गहमा – गहमी बढ़ गयी है.
दूसरी तरफ एबीपी न्यूज़ दीपक चौरसिया के बिना सूना – सूना लगने लगा है. टीवी स्क्रीन पर दीपक की भी अपनी एक फेसवैल्यू है. दर्शकों के बीच अपनी पहचान है. यह पहचान आजतक के शुरूआती दिनों से बनी. संभवतः अपने समकालीनों में वे अकेले ऐसे हैं जो एडिटर का दर्जा मिलने के बावजूद अपनी रिपोर्टर वाली छवि को बनाये रखने में कामयाब रहे. फील्ड रिपोर्टिंग करते हुए दिखते रहे. दर्शकों से उनका सीधा संवाद होता रहा और संभवतः यही उनका प्लस पॉइंट रहा.
आजतक के बाद स्टार न्यूज़ और फिर एबीपी न्यूज़ को भी इसका फायदा मिला. स्टार न्यूज़ जब एबीपी न्यूज़ हुआ तो सबसे ज्यादा प्रोमो में दीपक को ही ये कहते दिखाया गया कि कुछ नहीं बदला.
यानी दीपक के कंधे और अंधाधुँध प्रचार के बदौलत ही स्टार न्यूज़ सफलतापूर्वक एबीपी न्यूज़ में परिवर्तित हो पाया. लेकिन अब दीपक के जाने और स्टार न्यूज़ के एबीपी न्यूज़ में बदलने के कुछ महीने बाद से स्थिति बदलने लगी है.
एबीपी न्यूज़ के पास दीपक जैसा कोई बड़ा चेहरा नहीं रहा. इसलिए उसके स्क्रीन पर एक खालीपन सा दिखने लगा है. किशोर आजवाणी और सिद्दार्थ शर्मा का नाम लिया जा सकता है. दोनों अच्छे एंकर हैं. लेकिन दीपक की तरह इनका कद उस तरह का नहीं है. इससे एबीपी न्यूज़ के दर्शकों को सूना –सूना तो जरूर लग रहा होगा.
आजतक के पास पुण्य प्रसून हैं तो ज़ी न्यूज़ के पास अलका सक्सेना, आईबीएन -7 पास आशुतोष है तो इंडिया टीवी के रजत शर्मा और संजय ब्रागटा. इस मामले में अब इंडिया न्यूज़ और नए लॉन्च होने वाले चैनल नेशन टुडे की स्थिति भी अच्छी हो गयी है. दोनों के पास दीपक चौरसिया और अजय कुमार के रूप में दो बड़े चेहरे हैं. लेकिन एबीपी न्यूज़ के पास दीपक के जाने बाद अब कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा.
ख़ैर ये तो बात रही बड़े चेहरे की. सूत्रों की माने तो एबीपी न्यूज़ के सेल्स और मार्केटिंग पर भी अब असर पड़ने लगा है. पूर्व में स्टार के मार्केटिंग डिविजन के साथ काम कर चुके एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्टार न्यूज़ से अलग होने के बाद शुरूआती दौर में तो एबीपी न्यूज़ के विज्ञापन और सेल्स – मार्केटिंग पर कोई असर नहीं पड़ा. लेकिन अब थोडा बहुत असर पड़ना शुरू हो गया. आने वाले दिनों में एबीपी न्यूज़ को और मुश्किल हो सकती है. क्योंकि स्टार न्यूज़ के अलग होने पर ब्रांडिंग पर आंशिक असर तो पड़ा ही है.
हां , दीपक श्री ने बड़े तीर मार लिए थे ना एबीपी में कि उनकी कमी खलेग। चैनल की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है। फालतू में दीपक की चमचागिरी ना करें। कुछ नहीं मिलने वाला। वैसे भी दीपक जी अकेले निगलने में यकीन रखते हैं।
mujhe hairani hai ki hai ki aap kishore ajwani ko halke ami le rhe hai… he is a best anchor jn tv news