हिन्दुस्तान में पाकिस्तान का नाम लेना मतलब बर्रे के छत्ते में हाथ डालना.नेता,अवाम और मीडिया तीनों के लिए ये सुलगता विषय है.आपने छुआ नहीं कि भस्म हुए.उड़ी अटैक के बाद से ही भारत में माहौल गर्म और राजनीति चरम पर है.चैनलों के लिए तो मानों मन की मुराद पूरी हो गयी.उड़ी अटैक के जवाब में भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तो उनकी लॉटरी ही निकल गयी.अब चैनलों पर दिन रात युद्ध ही युद्ध.वैसे तो संतुलन लगभग सभी चैनलों का खराब हो चुका है लेकिन अपनी ‘राष्ट्रभक्ति’ के लिए सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रहा न्यूज़ चैनल ज़ी न्यूज़ तो युद्धोन्माद में पागलपन की हद तक पहुँच चुका है.उसके एंकर स्क्रीन से ऐसे मामले को पेश कर रहे हैं मानों युद्ध शुरू हो चुका और वे बंकर से बैठकर रिपोर्टिंग कर रहे हैं.चीखते-चिल्लाते-गुर्राते एंकर और उनकी शब्दावली तो सुभान अल्लाह.और जब से पाकिस्तान के आतंकी हाफ़िज़ सईद ने ज़ी का नाम लिया है तब से तो इनका मिजाज़ और गर्म हो गया है. चैनल की एक एंकर रुबिका लियाकत तो इस जुबान में ज़हर उगल रही हैं मानों भारत-पाकिस्तान समस्या का हल उनके बुलेटिन में छुपा हुआ है. इसीपर सोशल मीडिया पर एक दर्शक प्रतिक्रिया देते हुए लिखते हैं –
डिश टीवी के 555 नंबर से हमेशा गुर्राने की ही आवाज़ आती है।आसपास से गुजरते हुए सावधानी बरतिएगा।गलत बटन दबा दिए तो सीधे पाकिस्तान में हाफ़िज़ सईद के सामने ही गिरेंगे।
वही सज्जन आगे लिखते हैं –
‘रुबिका’ जंग हम जीत चुके हैं।हाफ़िज़ सईद ने ज़ी न्यूज़ का नाम भी ले लिया है।गांधी जी के नाम पर ही सही आज तो कम से कम बख्श दीजिये।आपका सर्जिकल स्ट्राइक अब बर्दाश्त के बाहर है।
वाकई में इनका सर्जिकल स्ट्राइक अब बर्दाश्त के बाहर है. #एंकर को देखते ही सामने #बंकर घूमने लगता है।