विनीत कुमार
डीडी न्यूज देखकर लग रहा है कि आज वहां के एंकर रिवायटल खाकर बैठे हैं. इतना धारदार अंदाज मैंने दूरदर्शन को पिछले दो-तीन सालों में कभी नहीं देखा.
संजीव श्रीवास्तव से लेकर उनके बाद के एंकर इतने उत्साह और निष्पक्ष दिखने की कोशिश में चर्चा कर रहे हैं कि जैसे ये चैनल सरकार के बिना किसी दवाब में काम करता है.
दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन मामले में अखिलेश यादव सरकार की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं..यकीन मानिए, आज की तरह अगर डीडी का अंदाज आगे भी रहा तो मैं तो बाकी के चैनल देखना छोड़ दूंगा.
लेकिन जैसे ही मामला कांग्रेस पर आकर अटकता, ऐंई,वंई शुरु हो जाता. भला हो एनडीटीवी इंडिया के भूतपूर्व विजय त्रिवेदी का जो कांग्रेस के संदर्भों को भी शामिल कर रहे थे और बता रहे थे कि आज अगर अखिलेश यादव की जगह कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह आ जाएं तो स्थिति बदल नहीं जाएगी.
असल चीज है कि ये अधिकारी स्वयं कितना विरोध करते हैं. अच्छा लगा कि इस जोश में राजेश जोशी की कविता की एक पंक्ति भी बोल गए- जो सच बोलेंगे, वो मारे जाएंगे.
(स्रोत -एफबी)