इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर के तौर पर ‘विनोद कापड़ी’ की पहचान है. टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री में लंबे समय से वे सक्रिय हैं और न्यूज़ इंडस्ट्री में अपनी प्रयोगधर्मिता के लिए जाने जाते हैं. लेकिन अब वे एक नयी पहचान के साथ सामने आए हैं. उनकी नयी पहचान ‘फिल्मकार’ के रूप में बन रही है. टेलीविजन न्यूज़ की दुनिया से कुछ दिनों का आराम लेकर आजकल वे ‘मिस टनकपुर हाजिर हो’ नाम की फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं. हाल ही में उसकी शूटिंग उन्होंने खतम की है. 6 दिसंबर को रिलीज होने वाली फिल्म ‘CLUB 60’ पर दिल्ली में हुई परिचर्चा में मीडिया खबर डॉट कॉम के आमंत्रण पर आए और ‘हिंदी सिनेमा- कम बजट, बड़ी मुश्किलें’ विषय पर अपनी बात रखा. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बजट छोटा और बड़ा नहीं होता, आप जिस तरह की भी फिल्म बना रहे हों, उसका बजट होना चाहिए. ताकी फिल्म बीच में न रुके. उसी परिचर्चा से जुड़ी कुछ तस्वीरें :
(तस्वीरें : आरजू आलम)
” क्लब 60 ” के बहाने एक बार फिर से फिल्मों के बजट से उसका आकर – प्रकार तय करने की परंपरा पर फारुख शेख, संजय त्रिपाठी, ऱघुवीर यादव एंव विनोद कापड़ी के विचार जानना एक अच्छा अनुभव रहा….।