परिपूर्ण रेलवे समाचार के संपादक ‘सुरेश त्रिपाठी’ का पत्र
सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा और चेयरमैन रेलवे बोर्ड (सीआरबी) अरुनेंद्र कुमार दोनों मिलकर मुझे फर्जी मामलों में फंसाने और परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने इन दोनों के खिलाफ ‘रेलवे समाचार’ में बहुत कुछ लिखा और प्रकाशित किया है। जो कि ईमेल के अटैचमेंट में देख सकते हैं।
सीबीआई ने मेरे और कुछ रेल अधिकारियों के खिलाफ एक केस (नं. एसी 1 2014 ए 0002) दर्ज किया है। जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर के 2 रेल अधिकारी और 4 रेलवे कांट्रेक्टर के साथ मुझे और मेरे गोरखपुर प्रतिनिधि विजय शंकर श्रीवास्तव को आरोपी बनाया है। जबकि मेरा जो लेनदेन हुआ है उसका रेलवे अधिकारियों और रेलवे कांट्रैक्टरों से कोई संबंध नही है। सीबीआई चीफ और सीआरबी द्वारा हम दोनों को सिर्फ पुरानी खुन्नस और बदले की भावना के चलते इस मामले में फंसाया गया है।
मेरे खिलाफ सीबीआई ने एक प्रिलिमिनरी इंक्वारी (पीई) भी रजिस्टर की हुई है मगर मुझे आज तक इस पीई के बारे में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह किस बारे में है। इसलिए सीबीआई द्वारा मुझे हर तरह से अंधेरे में रखकर परेशान किया जा रहा है।
इस बीच सीआरबी ने सीबीआई के साथ मिलकर उसकी सिफारिश से मुझे और मेरे पाक्षिक अखबार ‘परिपूर्ण रेलवे समाचार’ को असंवैधानिक एवं गैरकानूनी रूप से “अवांछित” घोषित करते हुए हमारे खिलाफ 3 नोटिफिकेशन निकाल दिए हैं। जो कि मीडिया के राइट टू स्पीच एंड एक्सप्रेशन के खिलाफ हैं। मूलभूत अधिकारों का हनन और प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध हैं। यह हमारे रोजी-रोटी कमाने के अधिकार का भी हनन है। जबकि किसी भी अदालत ने मुझे आजतक किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया है।
इसके अलावा किसी भी मामले की जांच जारी रहते किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ऐसा कोई प्रतिबंध लगाने अथवा उसे अवांछित घोषित करने का सीबीआई और रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) को कोई अधिकार नहीं है। इस बारे में सीबीआई का क्राईम मैनुअल भी सीबीआई की इस सिफारिश का सपोर्ट नहीं करता है। मैंने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में रिट पिटीशन दाखिल करने की तैयारी की है। इसके साथ ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष भी अपनी याचिका दाखिल की है।
उपरोक्त जिस केस की जांच पूरी हो चुकी है, उसमें वाइस सैंपल लेने की भी अंतिम प्रक्रिया 24 सितंबर को पूरी हो चुकी है। अब उसी केस में मुझे फिर से 23 अक्टूबर को दिवाली के दिन सम्मन भेजकर अगले दिन शुक्रवार, 24 अक्टूबर को सीबीआई मुख्यालय में हाजिर होने को कहा गया है।
इसका मतलब स्पष्ट है कि मुझे वहां बुलाकर सीबीआई अरेस्ट करना चाहती है। इसलिए मैंने एसपी/सीबीआई एसीयू1 को ईमेल भेजकर दीपावली का तयौहार एवं अस्वस्थ होने के कारण मंगलवार, 27 अक्टूबर को हाजिर होने की अनुमति मांगी है, जिसका कोई उत्तर अब तक नहीं मिला है। अब मैं स्वत: 27 अक्टूबर को सीबीआई मुख्यालय दिल्ली में हाजिर हो जाऊंगा या फिर उससे पहले वह मुझे मेरे घर से अरेस्ट करके ले जाएंगे।
अत: आपसे और अपने सभी मीडिया बंधुओं से मेरा अनुरोध है कि सीबीआई चीफ और सीआरबी द्वारा किए जा रहे इस अन्याय और पाॅवर एवं पद के दुरुपयोग के खिलाफ मेरा अर्थात मीडिया का साथ दें।