उर्वी मलवाणिया
टेलीविजन के सबसे महंगे शो की मेजबानी पर कलर्स चैनल ने भारी भरकम निवेश किया है। बाजार में इसे करीब 140-150 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। यह सामान्य मनोरंजन चैनल हर साल ‘बिग बॉस’ के लिए बजट बढ़ा रहा है। लेकिन इस साल बिग बॉस नए तेवर के साथ पेश किया जा रहा है क्योंकि चैनल तीन महीने तक चलने वाले इस शो के ब्रेक ईवन (नफा न नुकसान) की उम्मीद कर रहा है जो अब तक हमेशा घाटे का खेल साबित होता रहा है। कलर्स के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) राज नायक पूंजीगत ब्योरे पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं लेकिन वह इस बात पर सहमत हैं कि इस साल बिग-बॉस की मार्केटिंग करने के लिए बिक्री टीम काफी आक्रामक है। अगर बिग-बॉस शो नफा न नुकसान के स्तर पर पहुंचता है तो नायक की मीडिया में दोहराई गई उस बात की पुष्टि होगी कि वह केवल टैम की रेटिंग चार्ट का अनुसरण नहीं करते हैं जहां कलर्स तीसरे पायदान पर है। उनके लिए मुनाफा ज्यादा अहम है। चैनल अपने मुनाफे के लिए सफलतापूर्वक कोशिश कर रहा है। रेटिंग चार्ट से भी अच्छी खबरें मिल रही हैं कि वायाकॉम 18 का सबसे अहम मनोरंजन चैनल तीसरे पायदान पर पहुंच चुका है।
चार बड़े मनोरंजन चैनलों में सबसे नया चैनल कलर्स है और इसमें कोई संदेह नहीं कि इसने रियलिटी और गैर-काल्पनिक कार्यक्रमों में अपनी विशिष्टता दर्ज की है। इसमें बिग बॉस के अलावा प्रतिभा पर आधारित शो और खतरों के खिलाड़ी जैसा कार्यक्रम शामिल है। मई से हर साल चैनल ने कई सप्ताहांत कार्यक्रमों की पेशकश की है जिसमें खतरों के खिलाड़ी (फियर फैक्टर का भारतीय संस्करण) से लेकर ‘झलक दिखला जा’ (डांसिंग विद दि स्टार्स का भारतीय संस्करण) और अब ‘बिग बॉस’ शामिल है। इस चैनल ने कॉमेडी श्रेणी में भी काफी मशहूर शो, ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ के जरिये अपनी स्थिति मजबूत की है। पिछले साल से ही इस कॉमेडी शो के दर्शकों की तादाद अच्छी रही है लेकिन कुछ वक्त से इसकी रेटिंग कम हुई है। सप्ताहांत में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर के टॉक शो, ‘कुछ भी हो सकता है’ से चैनल की स्थिति मजबूत हुई है। इसके साथ ही स्टार प्लस सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन और जीटीवी के मुकाबले चैनल के हिस्से में सप्ताहांत के दौरान अधिकतम मूल कार्यक्रम थे।
कई विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि जितना निवेश किया जा रहा है और जिस स्तर की मार्केटिंग की जा रही है, उस लिहाज से थर्ड स्पॉट मुफीद नहीं करता है। उनका कहना है कि कलर्स को शीर्ष स्तर के कार्यक्रमों के बावजूद रोजाना के असरदार धारावाहिकों की कमी की वजह से कुछ खास फायदा नहीं मिल रहा है। मैडिसल मीडिया इनफिनिटी के मुख्य परिचालन अधिकारी कार्तिक लक्ष्मीनारायणन का कहना है, ‘हालांकि बिग बॉस के प्रसारण के साथ ही कलर्स को शीर्ष स्तर के दूसरे पायदान पर जाने का मौका मिल सकता है क्योंकि रोजाना के शो का असर दिखाना जरूरी है। बिग बॉस के प्रसारण के बाद ही यह तय होगा कि बिग-बॉस कितना मुकाबला देता है। लेकिन रियलिटी शो के प्रसारण के बाद रोजाना प्राइम टाइम रेटिंग में मदद मिलेगी।’
कई विशेषज्ञ भारत के दूसरे पायदान पर मौजूद स्टार इंडिया मनोरंजन चैनल लाइफ ओके की मिसाल देते हैं कि आखिर क्यों कलर्स को अपनी रणनीति के बारे में दोबारा सोचना चाहिए। चैनल को ‘लाइफ ओके’ से कड़ी टक्कर मिली जो मई-जून के दौरान कलर्स से आगे रहा। हालांकि कलर्स ने दोबारा उस स्लॉट पर अपना कब्जा कर लिया है। एक योजनाकार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि चैनल को लाइफ ओके से सबक लेना चाहिए। वह कहते हैं, ‘कलर्स की विशेषता इसकी नए तरह की सामग्री रही है। जब इसे लॉन्च किया गया था तभी इसने खुद को अलग तरह से स्थापित किया था। चैनल अब भी वही कर रही है जो इसने छह साल पहले लॉन्च के वक्त किया था। मेरा मानना है कि कलर्स को नई चीजों पर काम करना चाहिए। स्टार प्लस, जी टीवी और सोनी जैसे चैनल भी कुछ नया करने की कोशिश में लगे हुए हैं।’ नायक का कहना है कि अनुपम खेर के शो के लॉन्च के साथ ही चैनल सभी संभावित बदलावों पर विचार कर रहा है। (बिजनेस स्टेंडर्ड से साभार)