सोमवार 28 नवंबर यानी कल भारत बंद का विपक्ष ने आह्वान किया था और ऐसा लग रहा था कि विपक्ष एकजुट होकर भारत बंद करने में सफल रहेगा और इससे पीएम मोदी पर दवाब बनेगा. लेकिन अब ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है क्योंकि भारत बंद के पहले ही उसकी हवा निकलती दिख रही है.
पहले आधी हवा तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने ये कहकर निकाल दी कि उनकी पार्टी (जदयू) इस भारत बंद का समर्थन नहीं करती. उसके बाद सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भारत बंद से पल्ला झाड़ लिया. उसका कहना है कि वह अमुक तारीख को नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन करेगी.
कांग्रेस के आधिकारिक बयान में कह गया है कि कल ‘भारत बंद’ का आह्वान नहीं किया है, लेकिन नोटबंदी के मुद्दे पर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करेगी. इसी पर तंज कसते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में लेक्चरर ‘प्रभात रंजन’ सोशल मीडिया पर लिखते हैं –
“पहले जेडीयू का कहना था कि भारत बंद में वह शामिल नहीं होगी. अब कांग्रेस के जयराम रमेश ने भी कहा दिया है कि भारत बंद के लिए कांग्रेस ने आह्वान नहीं किया है!. कल किसका भारत बंद है?”
ऐसी ही मिलती – जुलती बात संतोष कुमार कहते हुए एफबी पर लिखते हैं – “भाजपा करेगी नहीं। और आम आदमी पार्टी व कांग्रेस भारत बंद में शामिल नहीं है। नोटबंदी के खिलाफ। दिल्ली में। योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया भी मना कर रही है। तो कर कौन रहा है भारत बंद। कोई बतायेगा?”
सवाल वाजिब भी है और इससे साफ़ पता चलता है कि भारत बंद के पहले ही भारत बंद की सफलता पर ग्रहण लग गया है. एक तो विपक्ष में इस मसले पर एकजुटता नहीं. फिर बिहार-झारखण्ड समेत भाजपा शासित प्रदेश का इस बंद से अलग होना विपक्ष के लिए कोई शुभ लक्षण नहीं.उसके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस मुहिम को लेकर लगातार मुहिम चल रही है. ऐसे में विपक्ष के भारत बंद की सफलता संदिग्ध है.