‘विकास कुमार, पत्रकार’
आशुतोष के आम आदमी पार्टी को ज्वाइन करने और पत्रकारिता से राजनीति में आने के तर्क पर विकास कुमार की टिप्पणी
आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले बड़े टीवी पत्रकार को बोलते हुए सुन रहा था. साहब कह रहे थे कि कई मौके ऐसे होते हैं जब अगर आप चुप रह गए तो इतिहास आपको मांफ नहीं करेगा. और अभी वही समय था. देश बदलाव चाहता है सो मैंने सक्रिय राजनीति में आने का फैसला किया.
ठीक है. कोई भी. कभी भी. किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है. इसपर कोई सवाल नहीं है. कोई सवाल उठना भी नहीं चाहिए. लेकिन अपने कृत्य को सही ठहराने के लिए बड़े बोल बोलना ठीक नहीं है. नैतिकता. देश में उफान. बदलाव और सेवा जैसे शब्दों को जपना बंद कीजिए. नए शब्द खोजिए. यह बहुत आजमाया जा चुका है. अगर “आप” वाले भी उन्हीं शब्दों को जपेंगे तो “आप” के लोगों का खोखलापन जल्दी से जल्दी दिखने लगेगा.
अब बात पूर्व बड़े पत्रकार के बोल की. पत्रकार साहब नैतिकता की बात कर रहे थे. साहेब आप ही के संस्थान से तीन सौ लोगों को एक झटके में नौकरी से हटा दिया गया था. उस वक्त आपको नैतिक होना चाहिए थी. आपने उस समय ऐसे चुप्पी ओढ़ी जैसे आप कुछ देख-सुन ही नहीं रहे हैं. साहेब, अगर आप वहां नैतिकता हवाले से एक ट्वीट ही कर देते तो बड़ा संतोष होता. लगता कि आप कुछ करना चाह रहे हैं लेकिन छटपटा के रह जा रहे हैं. अगर आप इस मसले पर स्टैंड लेते हुए नौकरी छोड़ते तो आप वाकई पत्रकारिता के हिरो होते. कम से कम कुछ नए पत्रकारों के तो आदर्श बन ही जाते.
आपने दूसरी बात कही कि देश बदलाव चाहता है. सही बात है…लेकिन आप तो बदलाव अन्ना आंदोलन से देख रहे थे. उसी वक्त नौकरी छोड़नी चाहिए थी और उस संघर्ष में शामिल होना चहिए था. लेकिन नहीं? आप उस सम्य नहीं जुड़े. क्योंकि उस समय जुड़ने के खतरे थे. आप तब भी नहीं जुड़े जब पार्टी बनी थी. क्योंकि आप यहां भी रिस्क देख रहे थे.
माफ कीजिएगा लेकिन यह कहना पड़ रहा है कि आप तब जुड़े जब पार्टी ने दिल्ली में सत्ता संभाल लिया है. फिलहाल कोई मुश्किल नहीं है. आप पार्टी से जुड़े तो बिल्कुल टीवी ऐंकर स्टाईल में. स्टूडियो तैयार. लाईट ओके. साउंड ओके. कैमरा ओके. कोई हर्डल नहीं. सब ओके….
(स्रोत- एफबी)
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आखिरकार IBN के आशुतोष AAP मे शामिल हो ही गये.
मतलब ये पहले न्यूज के जरिए anti modi कैंपेन चलाते थे ,अब चुनावी मैदान मे anti modi प्रोपगैंड़ा चलायेंगे..
फायदा तब भी कांग्रेस का था ..फायदा अब भी कांग्रेस का होगा ..
वैसे राजदीप ,रवीश कुमार ,बरखादत्त, अजंना, विजय विद्रोही , दिबांग ,ओम थानवी ,अरविंद मोहन जैसे पत्रकार की खाल मे छुपे दलाल कब AAP ज्वाइन करेंगे और अपना असली रूप खुलकर दिखायेंगे ?
मैं कॉंग्रेस का दलाल था ये बात सबको पता चल गया था,इसलिए मैं चुप चाप आम आदमी पार्टी से मिल गया और अब तो सॉफ हो गया होगा की मैने बीजेपी को हमेशा बैकफूट पर क्यो रखा. -आशुतोष, IBN 7