-अभय सिंह-
एक श्रोता होने के नाते दिन- प्रतिदिन न्यूज़ चैनलों के गिरते स्तर पर दुःख होने साथ ही गुस्सा भी बहुत आता है। कल रात राज्यसभा टीवी पर पत्रकार अमृता राय द्वारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आयोजित डिबेट में सपा-कांग्रेस के गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाती दिखी।
एक पक्षीय 6 वक्ताओं के असंतुलित पैनल में अमृता राय ने पत्रकारिता की गरिमा को छोड़ एक कांग्रेसी नेता का चोला पहन लिया।
राज्यसभा और राज्यसभा टीवी पर एक जैसा माहौल देखने को अक्सर मिल जाता है।आज राज्यसभा टीवी कई दरबारी कांग्रेसी ,वामपंथी पत्रकारों,बुद्धिजीवियों द्वारा सरकार के खिलाफ मुहिम का एक मंच बन गया है जहाँ पत्रकारिता को ताक पर रखा जा रहा है।
बेहतर तो यही होगा दूसरे चैनल,पत्रकारो पर सवाल उठाने की बजाय ये खुद का चरित्र देखे और आत्ममूल्यांकन करे।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)