अभय सिंह,राजनीतिक विश्लेषक-
कुछ वर्ष पहले आज तक के स्टिंग आपरेशन में uppsc में अधिकारियो की नियुक्ति में धांधली का पर्दाफाश किया गया। अखिलेश यादव ने
आयोग अध्यक्ष एक अपराधी छवि के सजातीय अनिल यादव को बनाया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पद से बर्खास्त किया।
वर्ष 2014 में हर अखबार में एक खबर “86 में 54 एसडीएम यादव” छायी हुई थी।uppsc में व्यापक धांधली,एक जाति का वर्चस्व होने के खिलाफ प्रदेश भर में हज़ारो छात्रो ने व्यापक आंदोलन किया।लेकिन अखिलेश के कान में जूं तक नहीं रेंगी।
इतना ही नहीं अखिलेश ने हर छोटे बड़े प्रशासनिक पदों पर यादव जाति के अधिकारी को प्रमुखता दी।70% पुलिस थानो में यादव जाति के दरोगा की नियुक्ति चर्चा का विषय बनी।
भर्तियो में योग्यता की बजाय इटावा,मैनपुरी को प्रमुखता दी गयी ।क्या किसी सरकार को केवल एक जाति के लिए काम करना चाहिए या समस्त जनता के लिए ये प्रश्न अखिलेश यादव से मेरा जरूर रहेगा ।आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश एक जाति के अफसरों पर कारवाई से आखिर किस हक़ से योगी सरकार पर सवाल उठा रहे है।उनको अपने अतीत ने काले पन्नों को जरूर खंगालने की जरुरत है।