मीडिया खबर के सेमिनार में गया था. मीडिया के एथिक्स पर लंबी-चौड़ी चर्चाएं तो हुई ही, साथ ही लगभग सबने टीवी पर आने वाले भारी-भरकम खर्चों पर सवाल उठाए. उल्टे श्रोताओं और मीडिया के आलोचकों के सामने ही यक्ष प्रश्न रख दिया, “आखिर कहां से आयेगा चैनल चलाने का भारी-भरकम खर्चा?”
इतने में फेम इंडिया के एसोसिएट एडीटर और पिछले साल निर्मल बाबा की दुकानदारी समेटने में अहम भूमिका निभाने वाले धीरज भारद्वाज ने इंडिया टीवी के विनोद कापड़ी से पूछ दिया, “निर्मल बाबा इंडिया टीवी पर दोबारा वापस लौट आये हैं. क्या कहेंगे?”
विनोद कापड़ी कुछ कहते उससे पहले ही अजीत अंजुम मानों हत्थे से उखड़ गये. मंच पर उनके सामने फेम इंडिया का ताजा अंक रखा था. उन्होंने उसे उठाया और उल्टे धीरज भारद्वाज पर ही सवालों की बौछार शुरु कर दी.
उन्होंने फेम इंडिया में छपे नामचीन लोगों के इंटरव्यू और प्रोफाइलों पर सवाल खड़े करना शुरु कर दिया. पूछने लगे, ” आप इसी पत्रिका का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ना? ये कैसी पत्रकारिता कर रहे हैं आप? हर किसी के बारे में मीठा-मीठा ही लिख रहे हैं?”
हॉल में सारे लोग भौंचक रह गये कि आखिरकार अजीत अंजुम को क्या हो गया? तभी खुद ही उन्होंने कहा, “निर्मल बाबा न्यूज-24 पर भी वापस लौट आये हैं.”
धीरज भारद्वाज ने हंसते हुए कहा, “अजीत जी, आप तो शुरु से ही निर्मल बाबा के कृपा पाने वालों में से रहे हैं, फिर आप क्यों बौखला रहे हैं. फिर ये सवाल तो इंडिया टीवी से था जिसने इन्हीं निर्मल बाबा की खूब बैंड बजायी थी. क्या वो सब दोबारा विज्ञापन देने के लिये एक नाटक था?”
विनोद कापड़ी तो बगलें झांकने लगे, लेकिन अजीत अंजुम ने जवाब दिया, “निर्मल बाबा मेरे यहां से भी चले गये थे.”
(Abhishek Anand के फेसबुक वॉल से)
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