एबीपी न्यूज, इंडिया न्यूज़ और स्टार ‘वार’

deepak chaurasia

मीडिया इंडस्ट्री बड़ी हो गयी है. बड़े – बड़े कॉरपोरेट घराने इसमें कूद चुके हैं. लिहाजा यहाँ भी कॉरपोरेट वार शुरू हो चुकी हैं जहाँ अपने प्रतिद्वंदियों को पछाड़ने के लिए हर तरह की तिकड़मों का सहारा लिया जाता है.

पिछले साल गठबंधन टूटने की वजह से एबीपी न्यूज का जन्म हुआ तो स्टार न्यूज़ भारतीय स्क्रीन से डेढ़ साल के लिए गायब हो गया. अब जबकि समय नजदीक आ रहा है तो एक बार फिर से गॉसिप का बाज़ार गरम है.

इंडिया न्यूज़ के साथ उसके टाईअप की बातें हो रही है. किन्तु – परन्तु का दौर शुरू हो गया है. दीपक चौरसिया इंडिया न्यूज़ में जा चुके हैं और इंडिया न्यूज़ को स्टार न्यूज़ के क्लोन की शक्ल दी जा चुकी है.

इसी संदर्भ में मीडिया खबर पर कल ‘इंडिया न्यूज़ में स्टार न्यूज़ का भूत’ शीर्षक से पोस्ट की गयी थी. पोस्ट में इंडिया न्यूज़ के लुक के बारे में चर्चा करते हुए बताया गया था कि ऐसा लुक देने की दो वजह हो सकती है. पहला कि कुछ और नहीं सूझा तो आसान रास्ते को अपनाते हुए स्टार न्यूज़ की कॉपी कर ली गयी. दूसरा कि ऐसा जानबूझकर शायद किया गया हो कि इंडिया न्यूज़ और स्टार न्यूज़ के टाईअप होने की स्थिति में आसानी हो.लेकिन मीडिया खबर के एक पाठक ने इसकी एक तीसरी वजह भी बताई है जिसे यहाँ पोस्ट की शक्ल में पेश कर रहे हैं :

असली खेल ये तो नहीं, स्टार वार , क्लोन की शक्ल में कॉरपोरेट चाल

आसान रास्ते के लिए कॉपी और टाईअप होने के लिए भविष्य की सहूलियत के अलावा तीसरी वजह भी हो सकती है. कहीं ऐसा तो नहीं कि एबीपी न्यूज के पुराने पत्रकारों का इस्तेमाल अब कॉर्पोरेट-अंडरवर्ल्ड वार के बतर्ज प्रतिद्वंदी को पस्त करने के लिए किया जा रहा है.

इसमें कोई शक नहीं है कि स्टार ग्रुप और इंडिया न्यूज के बीच कोई समझौता नहीं होने जा रहा है.

एबीपी न्यूज से करार के मुताबिक स्टार ग्रुप डे़ढ़ साल तक स्टार नाम से कोई चैनल नहीं ला सकता था. ये वक्त अब नजदीक आ रहा है, लिहाजा एबीपी न्यूज के मजबूत आकार ले रहे ब्रांड को तोड़ने के लिए उसका क्लोन ले आया गया है, ताकि जब असली स्टार आए तो उसे अपने पुराने साथी के साथ रहे अतीत-इतिहास और एक जैसी ब्रांडिंग का नुकसान न उठाना पड़े.

जहां तक इंडिया न्यूज में बड़े नामों की बात है तो वो मीडिया-बंजारे हैं, जहां पर दो रोटी ज्यादा मिल जाती है. तंबू गाड़ देते हैं. लेकिन असली दबंग तो उदय शंकर हैं. कमाल करते हैं उदय शंकर जी!!!!

(असली खेल ये तो नहीं — rakt . कमेंट बॉक्स में आयी टिप्पणी )

 

5 COMMENTS

  1. इंडिया न्यूज में कदम रखते ही दीपक चौरसिया का रंग भी कांग्रेसी हो गया, इंडिया न्यूज पर जो मुहिम सबसे पहले छेडी गई वो है केजरीवाल के खिलाफ, भय्यू जी महाराज, अन्ना और केजरीवाल के 5 फरेब के जरिए दिखाने की कोशिश की गई कि केजरीवाल किस तरह जनता को धोखा दे रहे हैं। कभी मनु शर्मा को पानी पी पीकर कोसने वाले चौरसिया जी किस तरह पैसे के लिए लोगों को धोखा देने लगे, इसे इंडिया न्यूज पर बखूबी देखा जा सकता है, कहां तो वो सरकार के घपले घोटोलों की पोल खोलते, कहां केजरीवाल जैसे नख दंत विहिन नेता के पीछे पडकर चैनल की टीआरपी बटोरना चाहते हैं..जय हो

  2. [quote name=amit]इंडिया न्यूज में कदम रखते ही दीपक चौरसिया का रंग भी कांग्रेसी हो गया, इंडिया न्यूज पर जो मुहिम सबसे पहले छेडी गई वो है केजरीवाल के खिलाफ, भय्यू जी महाराज, अन्ना और केजरीवाल के 5 फरेब के जरिए दिखाने की कोशिश की गई कि केजरीवाल किस तरह जनता को धोखा दे रहे हैं। कभी मनु शर्मा को पानी पी पीकर कोसने वाले चौरसिया जी किस तरह पैसे के लिए लोगों को धोखा देने लगे, इसे इंडिया न्यूज पर बखूबी देखा जा सकता है, कहां तो वो सरकार के घपले घोटोलों की पोल खोलते, कहां केजरीवाल जैसे नख दंत विहिन नेता के पीछे पडकर चैनल की टीआरपी बटोरना चाहते हैं..जय हो[/quote]

  3. बहुत ही बाजारू इंसान है दीपक चौरसिया ! सिर्फ पैसे की भाषा जानता है ! विनोद शर्मा के चैनल में जाते ही कांग्रेसी हो गया ! ये इंसान जब नैतिकता भरे सवाल पूछता है तो घृणा आती है ! पर क्या करें , ज़माना पूंजीवाद का है जिसका नैतिकता या विचारधारा से कोई ताल्लुक नहीं होता ! नैतिकता से भरे सवाल पूछ कर, पता नहीं दीपक किसको बरगला रहे हैं !

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