मीडिया खबर डॉट कॉम पर हमने पहले भी आपको बताया था कि एबीपी न्यूज़ ने साहसिक निर्णय लेते हुए एक विशुद्ध साहित्यिक कार्यक्रम चैनल पर शुरू किया है जिसका नाम महाकवि है. इसका पहला एपिसोड राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर पर था. कार्यक्रम को कुमार विश्वास और आशुतोष राणा ने एंकर किया और दिनकर जी की कविताओं से अच्छा रंग जमाया.
लेकिन जैसा कि हमने सुशांत झा के हवाले से बताया था कि इस एपिसोड में रिसर्च की कमी थी, इसलिए स्क्रिप्ट में कई कमियां रह गयी थी. उसी में से एक बड़ी गलती उनके जीवन परिचय के दौरान मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज के अध्याय को शामिल न करना.
गौरतलब है कि रामधारी सिंह दिनकर ने मुजफ्फरपुर के विश्वप्रसिद्ध लंगट सिंह कॉलेज में कुछ समय तक अध्यापन कार्य किया था. इसी मुद्दे पर एक जागरूक पाठक ‘ब्रजेश कुमार’ ने दुःख प्रकट करते हुए लिखा –

अभी ABP समाचार चैनल के नए कार्यक्रम "महाकवि" को देख रहा हूँ . आज का एपिसोड राष्ट्कवि रामधारी सिंह दिनकर जी पर आधरित है. लेकिन इस पूरे एपिसोड में विश्वप्रसिद्ध लंगट सिंह कॉलेज की चर्चा नहीं होना काफी दुखद है, क्योंकि 1950 से 1952 तक वे मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह महाविद्यालय (एल.एस.कॉलेज) में हिन्दी के शिक्षक रहे. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ने “संस्कृति के चार अध्याय” जैसी कालजयी रचना इसी परिसर में की और इसी लंगट सिंह कालेज के आध्यापक रहते हुए ही 1952 में जब भारत की प्रथम संसद का निर्माण हुआ,तो उन्हें राज्यसभा का सदस्य चुना गया और वह दिल्ली आ गए।