पी.नवीन
आनंद बाज़ार पत्रिका समूह के न्यूज़ चैनल बोले तो एबीपी न्यूज़ पर एक सज्जन समाचार सुनाते हैं। उनके बोलने की रफ़्तार और अदा ऐसी होती है मानो न्यूज़ नहीं क्रिकेट की कमेंट्री कर रहे हों। न्यूज़ रूम में उनके दौड़-दौड़ कर समाचार सुनाते और परिचर्चा कराते वक़्त लगता है जैसे न्यूज़ रूम न हो कोई खेल का मैदान हो और एंकर महोदय पत्रकार न हों किसी फुटबॉल मैच के रेफरी हों। दर्शकों को ‘बांध’ कर रखने के लिए ये लोग अब बिलकुल मदारी बन गए लगते हैं ! डमरू और बंदर का इंतज़ाम करना ही शेष रह गया है। ज्ञातव्य है कि ये अग्रणी चैनल ‘ट्रेंड सेटर्स’ हैं, इसलिए अगले एक-दो महीने में दूसरे चैनलों के एंकरों पर भी स्पीडोमीटर का असर दिखे तो चौंकने की जरूरत नहीं है। वैसे ‘बुलेट न्यूज’, ‘स्पीड न्यूज’, ‘सुपरफास्ट खबरें’ जैसे तीर-कमान स्टाइल में खबरें तो पहले से ही घायल करती आ रही हैं।
(स्रोत-एफबी)