रामगोपाल वर्मा की फिल्म‘26/11‘ में, कबीर खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में, मधुर भंडारकर की फिल्म‘कैलेंडर गर्ल्स’ में और बिजॉय नाम्बियार की फिल्म‘वजीर’ में अपने बूते पर किरदार हासिल किया और अब यूपी का ये जिद्दी एक्टर प्रसिद्ध अभिनेत्री ‘सोनाक्षी सिन्हा’ यानि ‘अकीरा’के साथ स्क्रीन शेयर कर रहा है…। फिल्म अभिनेता-अभिमन्यु सरकार से एक बातचीत –
साक्षात्कार:
‘जिद करो दुनिया बदलो’, ‘दिल ये जिद्दी है…’ये सुपरहिट डायलॉग तो आपने सुना ही होगा। ‘जब आप किसी चीज को शिद्दत से चाहते हैं, तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है’, लेकिन कोई है जिसकी जिद,कायनात की फिराक बदलने का माद्दा रखती है।वो जिद्दी अभिनेता हैं अभिमन्यु सरकार। वह एक सेल्फ मेड एक्टर है…जिसका फिल्म इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं था… अपनी मेहनत के बल पर बड़ी फिल्मों और टीवी शो में अपनी एक खास जगह बनाई है।
रामगोपाल वर्मा की फिल्म‘26/11‘ में, कबीर खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में, मधुर भंडारकर की फिल्म‘कैलेंडर गर्ल्स’ में और बिजॉय नाम्बियार की फिल्म‘वजीर’ में अपने बूते पर किरदार हासिल किया और अब यूपी का ये जिद्दी एक्टर प्रसिद्ध अभिनेत्री ‘सोनाक्षी सिन्हा’ यानि ‘अकीरा’के साथ स्क्रीन शेयर कर रहा है…।गोरखपुर में जन्मे और गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में पले-बढ़े अभिमन्यु में गजब का उत्साह है। इस जोशीले युवा से फिल्म इंडस्ट्री को बहुत उम्मीदें हैं। अपनी बहुचर्चित फिल्म ‘अकीरा’को लेकर वे चर्चा में हैं। पिछले दिनों गाजियाबाद आए अभिमन्यु सरकार की रुचि शुक्ला से लंबी बातचीत हुई। अभिमन्यु ने बड़ी ही बेबाकी से इसके जबाब दिए। उन्होंने कैसे बॉलीवुड की सकरी गलियों में कैसे की फास्ट हॉर्स राइडिंग ?जानने के लिए पढ़ें उसी बातचीत के कुछ अंश,जिसको हम आपसे शेयर कर रहे हैं….
सवाल- जैसा कि हमें पता है‘अकीरा’ एक वूमन सेंट्रिक फिल्म है, जिसमें आपने नेगेटिव किरदार निभाया है, तो क्या कोई एक्स फैक्टर भी है आपके किरदार में…जिसके बारे में आप अपने प्रशंसको को कुछ बताना चाहेंगे ?
जवाब- मैं ज्यादा कुछ तो नहीं बता सकता, लेकिन इतना जरूर कहूँगा कि मैं खुद में एक एक्स फैक्टर हूँ… मैंने पूरी ईमानदारी से अपना किरदार निभाया है। कॉलेज बुली के रूप में जितना मसाला अपने किरदार में भरना था, सब भरा है। जैसा कि आप भी जानते हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाना आसान नहीं है, वो भी तब जब आपके पास ना ढेर सारा पैसा हो और ना ही कोई गॉडफादर। मैंने अपना हर रोल कड़ी मेहनत से पाया है और उतनी ही मेहनत से उसे निभाया भी है। हाँ… ‘अकीरा’ को लेकर मैं कुछ ज्यादा एक्साइटेड हूँ, क्योंकि ‘सोनाक्षी सिन्हा’ के साथ स्क्रीन शेयर कर रहा हूँ। ये भी किसी एक्स फैक्टर से कम नहीं।
सवाल- इतने सालों से आप फिल्म इंडस्ट्री में हैं, इस बीच जिंदगी में तमाम उतार-चढ़ाव भी आए होंगे, यह सब कैसे मैनेज किया आपने, जबकि कोई बड़ा सपोर्ट भी नहीं था आपके पास ?
जवाब- हाँ…कई बार एक्ट्रीम डिप्रेशन जैसे हालात भी आए मुंबई में रहते हुए। एक तरह से जिद में आया था मुंबई, परिवार के खिलाफ जाकर, परिवार मुझे इंजीनियर बनाने का सपना पाल के बैठा था पर मुझे मुंबई बुला रही थी। एक्टिंग के अलावा किसी भी चीज में मेरा दिल नहीं लगा। इसलिए कई-कई महीने काम ना मिलने के बाद भी फिल्मसिटी का दामन नहीं छोड़ा। नतीजा आपके सामने है। एक बात और कहना चाहूँगा, ‘कि यहाँ (बॉलीवुड) में वक्त लगता है कुछ पाने में …और ये वक्त दिन…महीने …या साल भी हो सकता है…इसलिए हार नहीं माननी चाहिए, जिद करने से ही बदलती हैं जिंदगी’, यह मेरा फंडा है।
सवाल- आपने बहुत सारी फिल्मों और टीवी शो में काम किया है, आपके हिसाब से बेस्ट डायरेक्टर कौन है, जिनके साथ आपने काम किया ?
जवाब-जी, हाँ ! मैंने कई बड़े फिल्म डायरेक्टर के साथ काम किया है…मसलन रामगोपाल वर्मा, कबीर खान, मधुर भंडारकर, विजॉय नाम्बियार…और अब ए.आर. मुरुगाडॉस के साथ काम किया ‘अकीरा’ में। ये सभी फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम हैं। सबकी अलग खूबी है, सबकी अलग यूएसपी….इसलिए ये कह पाना मेरे लिए मुश्किल है कि बेस्ट कौन है ?लेकिन एक बात जरूर कहूँगा, कि ये सारे लोग टैलेंट की कद्र करने वाले लोग हैं, आज मैं जो कुछ भी हूँ, इसमें इनका बहुत बड़ा योगदान है।
सवाल- कुछ अपने बारे में बताइए, अब तक की जिंदगी में क्या खास रहा और आने वाले कल को लेकर क्या सोचते हैं आप ?
जवाब-मैं अपने बारे में जितना जानता हूँ, उससे ज्यादा लोग मेरे बारे में जानते हैं, खैर…अब आपने पूछ ही लिया तो बता दूँ कि मैं पैदा तो गोरखपुर में हुआ लेकिन एजुकेशन के लिए कई अलग जगहों पर रहा, अच्छा स्टूडेंट था लेकिन दिल हमेशा से बॉलीवुड के लिए ही धड़कता था। पिता जी मुझे इंजीनियर बनाना चाहते थे, मैंने एडमिशन लिया, पढ़ाई भी की, लेकिन वो सिर्फ डिग्री भर थी मेरे लिए। असल में मैं एक एक्टर ही बन सकता था, क्योंकि यही वो काम था जिसमें मेरा दिल लगता था। तो बस भाग आया मुंबई। ना पैसा, ना कोई सपोर्ट, बस जिद और जुनून ने मुझे एक्टर बना दिया। अब तक की जिंदगी में सबसे खास यही रहा कि मैंने जिस चीज को पाना चाहा उसे पाकर ही दम लिया, फिर वक्त चाहे जितना लगा हो… और मेरा सुपरस्टार बनने का सपना भी एक न एक दिन जरूर पूरा होगा।
सवाल-‘अकीरा’ के बाद क्या प्लानिंग है आपकी, सुना है कि आप हॉलीवुड में भी किस्मत आजमा रहे हैं ?
जवाब- अब मैं अभिजीत दा के डायरेक्शन में ‘मृग तृश्ना’ में लीड कैरेक्टर प्ले कर रहा हूँ, जो एक इंटरनेशनल फिल्म है। फिल्म ‘माॅडर्न मंजू’ में भी मेरा अहम रोल है, जिसमें मैं लीड नेगेटिव रोल प्ले कर रहा हूँ…इसके बाद संजय सर (ज्ञंददंकं उवअपम) के डायरेक्शन में ‘कॉलेज डेज’ कर रहा हूँ और जैसा कि आप हॉलीवुड डेब्यू के बारे में जानना चाहते हैं तो मैं दो हॉलीवुड फिल्में भी साइन कर चुका हूँ…पहला ष्म्उचजल.डपततवतष् और दूसरा ष्थ्वत ीमतम वत जव हवष्। ये मेरी आने वाली फिल्में हैं। बाकी बहुत कुछ प्लानिंग चल रही है, जैसे ही कुछ क्लीयर होगा, सबको खुद-ब-खुद पता चल जाएगा।
सवाल- अपने इस करियर के लिए कुछ तो ट्रेनिंग या कोर्स करना पड़ा होगा, बिना फैमिली सपोर्ट के कैसे किया आपने ये सब ?
जबाब- सबसे पहले मैंने बप्पी बोस के अंडर फंडामेंटल एक्टिंग ट्रेनिंग ली। उस वक्त मेरी उम्र करीब 17-18 साल थी। इसके साथ ही मैंने तमाम एक्टिंग वर्कशॉप भी अटेंड किया। करीब 6 महीने एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ) में थिएटर एक्सपीरिएंस भी लिया। मेरठ में इंजीनियरिंग करने के दौरान ही मैंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट और किक बॉक्सिंग की ट्रेनिंग भी ली…जिसके बारे में किसी को मालूम नहीं था। कैरियर की शुरुआत में कई सारी शॉर्ट फिल्म की, अच्छे डायरेक्टर्स के साथ काम किया जैसे प्रियेश श्रीवास्तव, दीपेश सुमित्रा और उत्सव सिंह…
और सबसे अहम बात यह है कि टीवी सीरीज 24 के पहले सीजन में भी मुझे काम मिला। इन छोटी-छोटी कामयाबियों से मुझे बड़ा हौसला मिला…और बहुत सारी सीख भी।
आपके बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा। ईश्वर आपके सपने सच करे, आपकी आने वाली सभी प्रोजेक्ट, फिल्मों के लिए हमारी ढेर सारी शुभकामनाएँ।
प्रस्तुति- रुचि शुक्ला
एसोशिएट प्रोड्यूसर, ‘तेज़, आज तक’,
bahut sunder….