वेद उनियाल
जब आप पार्टी (AAP) का मजाक उड़ता है तो खराब लगता है। अगर इसमें योगेंद्र यादव. संजय सिंह और इनके पीछे टीवी अखबार के चार- पांच सलाहकार किस्म के ऊंचे पत्रकार नहीं होते तो ये हालत नहीं होती।
अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री या दिल्ली के सांसद होते। संसद में कम से कम पार्टी के छह सांसद होते। पार्टी विकल्प के अभाव में शानदार विपक्ष की भूमिका में होती, आने वाले समय में पार्टी देश भर में अपनी जड़े मजबूत कर रही होती।
अब हालत यह है कि पार्टी के कई लोग संजय सिंह पर ही तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। और एक समय हरियाणा के संभावित मुख्यमंत्री का कहीं अता पता नहीं है।
‘आप’ को जितना नुकसान करना था वो कर चुके। और माननीय पत्रकार आजकल टीवी पर झेंप मिटाते हुए नजर आ रहे हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा को बहुमत न मिलने का अर्थ है देश में मोदी का कोई असर नहीं है। उन्हें गेंदबाजों पर तो भरोसा नहीं हो रहा, दिल थाम के बैठे हैं कि कब मोदी हिटविकेट हो। पर मोदी इतने सयाने कि स्टंप से दूर खडे होकर बेंटिग कर रहे हैं।
स्रोत@एफबी