आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की पिटाई हुई तो टीवी चैनलों पर विधवाविलाप शुरू हो गया

मनीष कुमार

टीवी चैनल , आप और भाजपा
टीवी चैनल , आप और भाजपा

आम आदमी पार्टी, इसके समर्थक व इनके स्वघोषित मुखपत्र टीवी चैनल और अखबार छाती पीट रहे हैं कि आज उनकी कुटाई हो गई. वैसे इसमें कोई शक नहीं है कि आम आमदी पार्टी ड्रामेबाज पार्टी है.. एक से एक ऐक्टर इस पार्टी के नेता है जो देश की जनता को मूर्ख बनाने को ही राजनीति समझते हैं.. यही वजह है कि हर 10 बातों में ये 9 झूठ बोलते हैं… झूठ बोलने में इनका कोई मुकाबला नहीं है..

आज के ड्रामे का डारेक्टर केजरीवाल थे.. उसने जानबूझ कर ऐसे दिन को चुना जब पूरे देश में माडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होना था.. इसके लागू होते ही चुनाव प्रचार बंद हो जाता है.. जिन्हें पार्टी को रैलियां निकालनी होती है वो प्रशासन से अनुमति लेना पड़ता है. केजरीवाल के पास कोई अनुमति नहीं थी इसलिए पुलिस ने अपना काम किया. जंगलराज तो है नहीं इसलिए उन्हें रोक दिया गया. बस.. ड्रामा शुरु हो गया.. सोशल मीडिया पर छापी पीटना शुरु.. टीवी चैनलों ने भी मूर्खता का परिचय दिया . ब्रेकिंग न्यूज आने लगा कि.. केजरीवाल गिरफ्तार हो गए..

आम आदमी पार्टी का एसएमएस सोफ्टवेयर एक्शन में आया.. सभी कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों को बीजेपी कार्यालय को घेरने के लिए निमंत्रण भेज दिया गया.. उम्मीद ये थी की दिल्ली से हजारो लाखो लोग बीजेपी दफ्तर पहुंचेगे.. लेकिन एक सौ से कम लोग ही वहां पहुचे.. अब वहां जो हुआ वो तो सबको पता ही है .. लेकिन आदत से मजबूर आम आदमी पार्टी के नेताओं के झूठ का दौर शुरु हुआ… शाजिया ने कहा कि अरविंद शांतिपूर्ण रैली कर रहे थे… मनमोहक और सदा मुस्कुराने वाले योगेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल तो कोई रैली नहीं कर रहे थे… शांतिपूर्ण तरीके से भुज शहर की ओर जा रहे थे.. समझने वाली बात यह है कि ये शांतिपूर्ण .. शांतिपूर्ण .. शांतिपूर्ण .. का झांसा दे रहे हैं. इन मूर्खों को क्या ये पता नहीं है कि मॉडल कोड कंडक्ट के लागू होते ही आप शांतिपूर्ण जूलूस भी बिना अनुमति के नहीं निकाल सकते.. इसलिए इसी कानून के तहत बीजेपी दफ्तर के सामने धरना देने वालों को पुलिस पकड़ ले गई. एक बात तो है कि झांसा देने की कला आप वालों से सीखना चाहिए..

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की कई शहरों में आज पिटाई हुई तो कुछ टीवी चैनलों ने विधवाविलाप शुरु हो गया लेकिन आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जब आपस में मार पीट करते हैं तो इन टीवी चैनलों पर दिखाया नहीं जाता है.. हमें तो टीवी वालों की बेशर्मी पर ताज्जूब होता है.. दिन रात केजरीवाल से गालियां भी खाते हैं और फिर भी गुणगान में लगे रहते हैं…

(स्रोत-एफबी)

1 COMMENT

  1. क्या बीस गाड़ियों का काफ़िला इस्टड़ी टूअर कहलाता है ? तुम भी तो उन जैसे निकले केजरी भाई !

    -पीयूष पंत

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