संदर्भ- उदय शंकर,कमर वहीद नकवी और रजत शर्मा ने टीवी पत्रकारों को जोकर बना दिया – दिलीप मंडल
न्यूज़ कंटेंट को लेकर क़मर वहीद को नक़वी दिलीप मंडल दोषी मानते हैं और रजत शर्मा और उदय शंकर के साथ एफबी के चौराहे पर खड़ा कर देते हैं। लेकिन अरुण पुरी को ये कहते हुए क्लीन चिट दे देते हैं कि उन्होंने थोड़े कहा था कि टीआरपी के लिए ऐसा कंटेंट तैयार करो।
लेकिन जब बारी अवार्ड की आती है तो एडिटर ऑफ़ द इयर का अवार्ड अरुण पुरी को मिलता है। एक ही मसले पर दिलीप मंडल जी का दो तरह का नजरिया हैरत में डालता है।
रजत शर्मा को दोषी मानते हैं और अरुण पुरी को क्लीन चीट देते हैं जबकि दोनों मालिक होने के साथ-साथ अपने-अपने चैनलों के एडिटर इन चीफ भी हैं। बस अंतर इतना है कि रजत टीवी पर दिखते हैं और पुरी साहब नहीं। क्या दिलीप मंडल इसका इतना एडवांटेज अरुण पुरी को देंगे?
गौरतलब है कि इंडिया टुडे के संदर्भ में एडिटर इन चीफ रजत शर्मा को लपेटे में लेते हुए वे मैनेजिंग एडिटर विनोद कापड़ी को भूल जाते हैं लेकिन आजतक के संदर्भ में चर्चा करते आंकलन के तरीके को पलटते हुए न्यूज़ डायरेक्टर क़मर वहीद नक़वी को दोषी करार देते हैं और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी का नाम तक लेना भूल जाते हैं। ये पक्षपात पूर्ण विश्लेषण है।
(पुष्कर पुष्प के एफबी वॉल से)