संजय शर्मा
मैंने अब तक सैकड़ों इंटरव्यू किये होगे , मुझे याद नहीं आ रहा कि किसी भी नेता ने यह ना कहा हो कि कैसा रहा ? बढ़िया छापना ..हम भी कहते है कि बहुत अच्छा रहा और किसी खास अंश का उल्लेख करते हुए कहते है कि यह आपने बहुत बढ़िया बोला ..और यह भी कई बार कहा है कि इसका यह अंश बहुत अच्छा रहा इसको बढ़िया करके छापेंगे इसमें गलत क्या है ..यह हमारे ऊपर है कि लिखते समय या दिखाते समय हम कितनी ईमानदारी से उसे दिखाते है . .पुण्य प्रसून जी की ईमानदारी पर वही सवाल उठा सकते है जिनको इस सिस्टम से सिर्फ यही चाहिए कि सिर्फ उनकी ही जय जयकार हो ..सबसे खतरनाक बात यह कि हिटलर की मानसकिता के लोग लगातार मीडिया पर हमला कर रहे है . यह एक साजिश है लोकतंत्र के हर हिस्से को कमजोर करने की . बीजेपी के नेता इस इंटरव्यू पर बहुत हल्ला कर रहे है ..मैं मोदी जी का करन थापर के साथ का एक इंटरव्यू लगा रहा हूँ ..कुछ सवालों के बाद ही मोदी जी कैमरा बंद करवा देते है और कहते है ऐसे सवाल क्यों पूछ रहे हो हम तो आपको दोस्त मानते है ..क्या इसका मतलब यह नहीं हुआ कि मोदी जी चाहते है कि उनके मित्र बन जाओ पर सवाल ना पूछो ..इसीलिए मोदी जी ने आज तक कोई इंटरव्यू नहीं दिया जबकि राहुल जैसे शख्स तक ने इंटरव्यू दे दिया ..कितने खतरनाक लोग है कि रिपोर्टर के कैमरामेन तक उनकी पहुँच है जो उनको इंटरव्यू के टेप तक दे देता है ..
(स्रोत-एफबी)