निखिल आनंद गिरी
‘प्रीमियम तत्काल’ उर्फ ‘सरकारी दलाली टिकट’. कमाल है कि चुनाव में ये मुद्दा क्यों नहीं बना. टिकटों की दलाली रोकने के लिए खुद दलाल बन जाओ. रेलवे का ये आइडिया इतना जबरजस्त है कि मुसाफिरों के ‘अच्छे दिन’ लाने वालों को उसी ट्रेन के आगे पटरी पर बांध देने का मन करता है जिसके लिए 450 का स्लीपर टिकट 1600 में ख़रीदे हैं. सीनियर सिटिजन के लिए भी दलाली में कोई दया नहीं..बाह रे दलाल-धर्म, न लाज-न सरम..(फेसबुक ट्रैवल्स)
(स्रोत-एफबी)