आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने कोतवाली, मेरठ में हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ इंस्पेक्टर लाल सिंह द्वारा धारा 505 (1) (सी) आईपीसी में दर्ज मुकदमे में धारा 153ए आईपीसी बढाने का निवेदन किया है.
डीजीपी यूपी को भेजे पत्र में श्री ठाकुर ने इन दोनों धाराओं की विधिक परिभाषा बताते हुए कहा है कि जब पुलिस यह मान रही है कि श्री कुरैशी का बयान व्यक्तियों के एक समुदाय को किसी दूसरे समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए उद्दीप्त करेगा तो स्वाभाविक तौर पर यह माना जाएगा कि इस बयान से धार्मिक समूहों में असौहार्द्र तथा वैमनस्य की भावनाएं बढेंगी तथा इससे लोक शांति पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा.
श्री ठाकुर ने कहा है कि यद्यपि दोनों धाराओं में तीन साल की बराबर सजा है पर धारा 505 (1) (सी) आईपीसी असंज्ञेय है जबकि धारा 153ए आईपीसी संज्ञेय अपराध है जिसमे पुलिस तत्काल विवेचना प्रारंभ कर सकती है और सही पाने पर गिरफ़्तारी भी कर सकती है.
इस बयान को सम्पूर्ण मानवता के विरुद्ध मानते हुए उन्होंने श्री कुरैशी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को व्यक्तिगत स्तर पर बीस हज़ार रुपये का पुरस्कार देने की भी बात कही.