ओम थानवी,वरिष्ठ पत्रकार
सरहद पे बहुत तनाव है क्या?
कुछ पता तो करो चुनाव है क्या?
राहत इंदोरी का यह शे’र मुझे भाजपा नेता प्रीति गांधी का कल जारी एक ट्वीट देख बरबस याद आया:
“पंजाब सीमा से लगा प्रांत है, उम्मीद है वे (पंजाब के मतदाता) समझेंगे कि वक़्त की पुकार है एक मज़बूत, फ़ैसले लेने वाली सरकार चुनें। अपना वोट समझदारी से दें।”
सेना की हमलावर कार्रवाई के बीच मुंबई में बैठी भाजपा नेता का यह कैसा सरोकार है? क्या भाजपा जंग/सीमाई झड़प/स्ट्राइक आदि की भी चुनावी ब्रांडिंग करने जा रही है?
बहुत अफ़सोसनाक़। राष्ट्रीय भावना कोई चुनावी दोहन की चीज़ होती है? हालाँकि मोदी ख़ुद आम चुनाव में सामरिक मुद्दे (‘मुझे देर नहीं लगती; घर में घुस कर मारो’) भावोत्तेजक शक्ल में उठा चुके हैं … प्रीति बस कुछ जल्दी मचा बैठीं! @fb